देवघर: जिले में ATM से हुई इतिहास की सबसे बड़ी चोरी की वारदात का पुलिस ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है. केस की गुत्थी को सुलझाने में भले ही एक महीने से ज्यादा का वक्त लगा हो, लेकिन पुलिस ने जिन चेहरों से नकाब उठाया है वह चौंकाने वाला है.
कर्मचारी ही निकला चोर
ATM से हुई चोरी की वारदात में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का वह कर्मचारी शामिल है जो ATM का रखरखाव करता था. जिस पर शक करना भी मुमकिन न था, लेकिन साजिश में शामिल एटीएम के गार्ड से जब पुलिस ने पूछताछ की तब गुत्थी सुलझती गई, जिसके खुलासे के बाद पुलिस कप्तान के भी होश उड़ गए. इस चोरी का मास्टरमाइंड बैंककर्मी है, जिसने इस सनसनीखेज चोरी की न सिर्फ साजिश रची थी, बल्कि पूरी स्क्रिप्ट तैयार की थी.
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दो लोग गिरफ्तार
एटीएम से रॉबरी को अंजाम देने वाला बैंक के ही कैश एडमिनिस्ट्रेशन सेल के कर्मी और एटीएम की देखरेख करने वाली एजेंसी के इंजीनियर का था. जिन्होंने बेहद चालाकी से इस संगीन गुनाह को अंजाम दिया और पैसों का बंटवारा कर अपने अपने महफूज ठिकानों में छिप गए. पुलिस ने इस मामले में संजय केसरी ओर वृंदा प्रसाद को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, जबकि चंद्रशेखर सुधांशू नाम का बैंककर्मी फरार है. इतना ही नहीं पुलिस ने मामले के जांच के दौरान बिहार के भोजपुर जिले से विजय कुमार सिंह नाम के उस इंजीनियर को भी गिरफ्तार किया है, जिसने आरोपियों से एटीएम का गुप्त पासवर्ड हासिल कर 51 लाख की चोरी की थी. पुलिस ने विजय और एटीएम के गार्ड के पास से चोरी के 12 लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं.