देवघरः जिला में इफको नैनो प्लांट को लेकर कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे का प्रतिनिधित्व करने पहुंचे कृषि मंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि ये कंपनी वाले यहां के किसानों को कितना मोटिवेट करती ये देखने वाली बात होगी, क्योंकि रोजगार में आरक्षण नहीं देते हैं.
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देवघर में गृह मंत्री अमित शाह यूरिया फर्टिलाइजर कंपनी के प्लांट की आधारशिला रखेंगे. जिसको लेकर प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि के क्षेत्र में हर रोज नई-नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है. यूरिया फर्टिलाइजर कंपनी, जिसकी आधारशिला देवघर के जसीडीह में रखी जा रही है, इससे पहले भी इस तकनीक से यूरिया का निर्माण हो रहा है. लेकिन इससे यहां के किसानों को कितना लाभ होगा ये देखने वाली बात होगी.
प्लांट को लेकर बादल पत्रलेख का बयानः कृषि मंत्री ने कहा कि कंपनी वाले यहां के किसानों को कितना मोटिवेट कर सकते हैं ये सबसे बड़ी बात है. साथ ही रोजगार को लेकर सवाल पूछने पर मंत्री ने कहा कि इससे रोजगार में कोई वृद्धि नहीं होगी, क्योंकि कोई भी निजी कंपनी स्थानीय लोगों को आरक्षण नहीं देती है. आगे उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण करके उन्हें दे दिया है और सभी का झारखंड में हम स्वागत करते हैं.
28 एकड़ जमीन पर लगेगा प्लांटः जसीडीह के बाबूडीह मौजा कोकरी बांक पंचायत में 28 एकड़ जमीन पर इस प्लांट का निर्माण किया जाएगा. इसमें लगभग 500 करोड़ की लागत आएगी जो हर रोज डेढ़ लाख बोतल नैनो यूरिया का उत्पादन करने की क्षमता से युक्त होगी. आगमी दो साल में इस प्लांट का निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
नैनो यूरिया की खासियतः वैसे तो यूरिया बोरियों में आती है, 45 से 50 किलो की बोरी होती है. जिसे किसानों के बीच 266 रुपये में दिया जाता है. लेकिन नैनो यूरिया की आधे लीटर की बोतल में 45 किलो वाली यूरिया का काम उसी गुणवत्ता के साथ करेगा. इसके अलावा इसकी कीमत भी महज 225 रुपये तय की गयी है. इसके अलावा इसके इस्तेमाल से मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता भी बनी रहती है.
इफको नैनो यूरिया लिक्विड सामान्य यूरिया के इस्तेमाल में 50 प्रतिशत तक कमी लाने के लिए बनाया गया है. इसकी एक बोतल में 40,000 पीपीएम नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बोरा के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्व मौजूद रहता है. नैनो यूरिया का उत्पादन 2024 से शुरू होगा.
रोजगार के खुलेंगे अवसरः नैनो यूरिया प्लांट को लेकर लोगों का मानना है कि प्रत्यक्ष और परोक्ष रुप से इलाके में लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा. वहीं संताल परगना चैंबर का मानना है कि इस प्लांट से संताल परगना क्षेत्र में उद्योगों को बल मिलेगा और अन्य निवेशक आकर्षित होंगे. इसके अलावा प्रति बोतल 1 रुपया बाबा मंदिर को समर्पित किया जाएगा. एक दिन में अगर 1.5 लाख बोतल का निर्माण हुआ तो डेढ़ लाख रुपया बाबा मंदिर के लिये बनाए जा रहे ट्रस्ट में भेजा जाएगा.