देवघरः जिले के करनीबाग क्षेत्र में डेंगू का एक संदिग्ध मरीज मिला है. जिसके विभाग स्वास्थ्य विभाग हरकत में दिख रहीा है. सिविल सर्जन रंजन सिंह ने संदिग्ध के घर में फॉगिंग और एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव कराया. इसको लेकर उपायुक्त विशाल सागर ने कहा कि कि डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसी बीमारियों के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार के द्वारा आवश्यक गाइडलाइन जारी किया गया है.
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गाइडलाइन में कहा गया है कि लोग अपने घर और आसपास पानी का जमाव न होने दें. खुले में कचरे को ना डालें, जिससे मच्छरों के पनपने की संभावना बिल्कुल नगण्य हो और इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके. साथ उन्होंने एक पत्र जारी कर इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध झारखंड नगर पालिका अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई करने की बात कही.
बता दें कि देवघर नगर निगम ने डेंगू सहित अन्य मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम को लगातार साफ-सफाई, फॉगिंग, एंटी लार्वा केमिकल के छिड़काव का निर्देश दिया है. डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षण तकरीबन एक जैसे ही होते हैं. इन लक्षणों के प्रति सावधान रहने की जरूरत है. डेंगू व चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होती है. यह मच्छर सामान्यता दिन में काटता है व यह स्थिर पानी में पनपता है. डेंगू का असर शरीर में 3 से 9 दिनों तक रहता है. इससे शरीर में अत्यधिक कमजोरी व प्लेटलेट्स लगातार गिरने लगता है. वहीं चिकनगुनिया का असर शरीर पर 3 माह तक होता है. गंभीर स्थिति में यह 6 माह तक रह सकता है.
डेंगू के लक्षणों के साथ यह बात ध्यान देने वाली है कि कई रोग और अन्य बुखार के लक्षण भी डेंगू से मिलते जुलते हो सकते हैं. कभी-कभी रोगी में बुखार के साथ सिर्फ 1-2 लक्षण होने पर भी डेंगू पॉजिटिव आ सकता है. इसलिए सभी लक्षणों का इंतजार नहीं करना चाहिए. बुखार 1-2 दिन में ठीक न हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाकर चेक-अप करवाना चाहिए.
चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया एक खतरनाक वायरल बीमारी है, जो एडीस मच्छर के काटने से फैलती है. अकेला एक मच्छर ही अनेक लोगों को डेंगू या चिकनगुनिया रोग से ग्रसित कर सकता है. इन मच्छरों से बचने के लिए अपने घर के कोनों में साफ-सफाई रखें और गंदे पानी को एक जगह जमा होने नहीं देना चाहिए. रात में सोते वक्त मच्छरदानी, क्वाइल का प्रयोग जरुर करें, जिससे मच्छर दूर रहे.