चतराःजिले के किसानों के साथ अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई है. कड़ी मेहनत करके किसानों ने अपने खेतों से धान का फसल तो, तैयार कर लिया, लेकिन सरकार की ढुलमुल नीति के कारण अब धान की खरीदारी ही नहीं हो पा रही है. सरकारी की दावों के विपरीत पैक्स के गोदामों में हजारों क्विंटल अनाज खुले में पड़े हुए हैं और किसान पैक्स में अपना-अपना धान जमा करने के लिए कई दिनों तक आस लगाए बैठे हैं, लेकिन सरकारी लालफीताशाही का परिणाम है कि किसानों के धान खरीदारी नहीं हो पा रही है.
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राज्य सरकार एफसीआई को ही एजेंसी बनाकर धान की खरीदारी कर रही है, लेकिन एफसीआई के अधिकारियों का कहना है कि धान की बोरियों का अभाव है और समय पर विभिन्न मिल कंपनियां धान का उठाव नहीं कर रही है, जिसके कारण किसानों के धान की खरीदारी नहीं हो पा रही है. हालांकि, धान खरीदारी का सिलसिला चल रहा है, लेकिन गति धीमी है. चतरा जिला के 12 धान क्रय केंद्रों पर धान की खरीदारी हो रही है.
धान क्रय केंद्र की संख्या बढ़ाने का आवेदन दे सकती है सरकार
दूसरी तरफ चतरा के विधायक और राज्य के श्रम नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास मंत्री सत्यानंद भोक्ता का कहना है कि सरकार ने सभी किसानों का धान खरीदने का आदेश जिला प्रशासन को दिया है, अगर धान की खरीदारी समय पर नहीं हो पा रही है, तो जिला प्रशासन राज्य सरकार को धान क्रय केंद्र की संख्या बढ़ाने का आवेदन दे सकती है और उसे राज्य सरकार की ओर से अनुमोदित कर दिया जाएगा.
काफी परेशानियों का करना पड़ रहा सामना
वहीं, दूसरी तरफ किसानों का कहना है कि पैक्स के गोदामों में जगह नहीं है. जिसके कारण किसान धान का क्रय नहीं हो पा रहा है. हंटरगंज प्रखंड के धान क्रय केंद्र पर पिछले 3 दिनों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे किसान विक्रम सिंह का कहना है कि धान क्रय नहीं होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. किसान अपनी जरूरत का सामान नहीं खरीद पा रहे हैं. स्कूल में बच्चों की फीस, शादी-विवाह के खर्च जैसे जरूरत भी नहीं पूरे नहीं हो पा रहे हैं.
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2050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किया जा रहा है भुगतान
मेहनत करके धान की उपज, तो अच्छा हुआ, लेकिन धान की कीमत राज्य सरकार की ओर से नहीं दी जा रही है. अगर राज्य सरकार इस मामले में ठोस पहल नहीं करती है, तो किसानों के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. हालांकि, चतरा जिले के 15 हजार 436 किसानों ने अब तक पैक्स के माध्यम से करीब 98,568.88 क्विंटल धान जमा किया है. जिन किसानों ने पैक्स के माध्यम से धान जमा किए हैं. उन्हें 2050 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जा रहा है.
सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत
जिले में अब तक करीब 47 लाख रुपये का भुगतान भी किया गया है. चतरा के धान क्रय केंद्रों में किसानों की भारी भीड़ है. किसान धान क्रय केंद्रों पर डटे रहते हैं. लेकिन धान का उठाव ही नहीं हो रहा है. तीन-चार दिनों के बाद ही नंबर आता है. किसान सरयू यादव का कहना है सरकार की ओर से नियुक्त एजेंसियों पर नकेल कसने की जरूरत है. किसान काफी परेशान हैं और बिचौलियों के हाथों अपना धान बेचने को विवश हैं साफ है कि धान खरीदी करने वाली एजेंसी ही किसानों को परेशान कर रही है. सरकार को ठोस कदम इस मामले में उठने की जरूरत है.