चतरा: पूरे भारत में लड़कियों को शिक्षित बनाने और उन्हें बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी कई महत्वाकांक्षी योजनाएं चला रहे हैं, लेकिन इन योजनाओं की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है. नन्हीं रेशमी ने10 महीने विद्यालय में पढ़ाई की, लेकिन अब वह सड़कों पर भटकने के लिए मजबूर हो गई है. वजह रेशमी के नामांकन और कागजातों को अधूरा बताकर उसे स्कूल से निकाल दिया गया.
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को लग रहा पलीता, मामूली वजह बता मासूम को स्कूल से निकाला - छात्रा को स्कूल से निकाला
यूं तो बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नारे आपने खूब सुने होंगे. लेकिन यहां एक बेटी को10 महीने स्कूल में रखकर, सत्र के बीच में ही नामांकन अधूरा होने का कारण देकर स्कूल से निकाल दिया गया. अब यह बेटी सड़कों पर भटकने के लिए मजबूर है. ऐसे वक्त में अब वह कहीं नामांकन भी नहीं करा सकती है. अब यह बेटी शिक्षा से दूर हो गई है.
![बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को लग रहा पलीता, मामूली वजह बता मासूम को स्कूल से निकाला student expelled from school](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-5325122-thumbnail-3x2-bacchi.jpg)
स्कूल से निकाले जाने के बाद रेशमी
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शिक्षकों के करतूतों के कारण रेशमी किसी भी विद्यालय में पढ़ने के योग्य नहीं है. मार्च से मार्च सत्र होने के कारण उक्त छात्रा का एक साल यूंही बर्बाद हो गया. वहीं, विद्यालय के प्राचार्य मनोज कुमार का कहना है कि छात्रा का नामांकन नहीं हुआ था. तत्कालीन प्राचार्य ने किस आधार पर छात्रा को विद्यालय में रखा था, ये वही बता सकते हैं.