चतरा: पुलिस ने 48 घंटों के भीतर पिंटू दांगी अपहरण केस का उद्भेदन करते हुए अपहृत पिंटू को सकुशल बरामद कर लिया है. इस मामले में पुलिस ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक ऋषभ झा ने बताया कि लॉकडाउन अवधि में गुजरात में काम करने वाले अपने एजेंसी के मजदूरों को मजदूरी का भुगतान करने के उद्देश्य से पिंटू ने खुद ही अपने अपहरण की साजिश रची थी. इसके साथ ही उसने खुद अपना पैर हाथ बांधकर एक वीडियो बनाकर उसका स्क्रीन शॉट अपने रिश्तेदारों को भेजते हुए अपने अपहरण की गलत सूचना देते हुए 15 लाख रुपये की फिरौती की मांग की थी.
एसपी ने बताया कि एक जून को शाम में सूचना मिली थी कि गुजरात में कॉन्ट्रैक्टर का काम करने वाले कोलेश्वर दांगी के पुत्र पिंटू दांगी का अपहरण हुआ है और अपहरणकर्ताओं ने कोलेश्वर के रिश्तेदारों को तस्वीर भेज कर 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी है. जिसके बाद मोबाइल लोकेशन और सर्विलांस के आधार पर एएसपी निगम प्रसाद और एसडीपीओ वरुण रजक के संयुक्त नेतृत्व में सदर थाना पुलिस और सर्विलांस की टीम अपहृत पिंटू का मोबाइल ट्रेस करने में जुटी थी. इसी दौरान पुलिस की टीम ने लोकेशन के आधार पर पिंटू को चतरा-इटखोरी मुख्य मार्ग से सटे बारिसाखी आमीन जंगल से बरामद कर लिया.
पुलिस ने की पूछताछ
एसपी ने बताया कि जिस समय पिंटू की बरामदगी हुई वह जंगल में एक पेड़ के नीचे अकेले लेटा हुआ था. इसके साथ ही उसके सिर के पास फिरौती मांगने में प्रयुक्त मोबाइल भी रखा था. जिसके बाद उसे कब्जे में लेकर पुलिस टीम सदर थाना ले आई और पूछताछ में जुट गई. पूछताछ में पिंटू ने बताया कि उसे बिहार नंबर की एक बोलेरो गाड़ी से अप हरदा अपहरण कर ले गए थे और क्लोरोफॉर्म सुंघा कर उसे बेहोश कर दिया गया था लेकिन सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस को पता चला था कि उस इलाके में बिहार नंबर की कोई भी बोलेरो गाड़ी नहीं गई थी और ना ही अपहृत पिंटू को क्लोरोफॉर्म सुंघाया गया था.