चतरा: जिले में पुलिस को लगातार नक्सलियों के विरुद्ध मिली सफलता के बीच भाकपा माओवादियों से अब उन्हें चुनौती मिलने लगी है. चतरा में भाकपा नक्सलियों की धमक लगातार बरकरार है. जिले में माओवादियों ने कई वारदात को अंजाम देकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने चतरा हजारीबाग के सीमावर्ती इलाकों में एंट्री ली है. चतरा और हजारीबाग के सीमांत इलाके में दुर्गा पूजा से लेकर अब तक पुलिस मुखबिरी के आरोप में चार लोगों को मौत के घाट उतार दिया है. इन हत्याओं के पीछे माओवादी कमांडर कारू यादव का नाम सामने आया है.
चतरा में नक्सलियों का तांडव सभी हत्याकांड भीड़-भाड़ इलाके में गोली मारकर की गई है. अब पुलिस मुख्यालय की ओर से इन क्षेत्रों में बड़ा अभियान चलाया जा रहा है. गौरतलब है कि 19 अक्टूबर को पत्थलगड़ा के लालकीमाटी में पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर एक महिला की हत्या कर दी गई थी. दूसरी ओर 20 अक्टूबर को मयूरहंड के कुंदरी में एक युवक को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया. वहीं 21 नवंबर को पत्थलगड़ा सिमरिया सिमाने पर स्थित तपसा छठ घाट पर माओवादियों ने गोली मारकर कोयला कारोबारी मुकेश गिरी की हत्या कर दी, तो 17 जनवरी को सिमरिया थाना क्षेत्र के पीरी बाजार में सरेआम नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में परमेश्वर साव की गोली मारकर हत्या कर दी. ये भी पढ़ें-अमलगम स्टील कंपनी में आयकर विभाग की टीम का छापा, अधिकारियों-कर्मचारियों के मोबाइल जब्त
ऐसे में नक्सलियों ने घटना को अंजाम देकर क्षेत्र में दहशत पैदा किया है. हालांकि इस बीच चतरा पुलिस के सामने विधिवत रूप से टीएसपीसी के सेकेंड सुप्रीमो मुकेश गंझू सहित कई इनामी नक्सलियों ने सरेंडर भी किया है. वहीं एसडीपीओ बचनदेव कुजूर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जिला बल बड़ा नक्सल विरोधी अभियान क्षेत्र में चला रही है.
ताकि क्षेत्र में दहशत का माहौल और नक्सलियों के मंसूबों को तोड़ा जा सके. नक्सली विकास विरोधी है, जहां एक और सरकार आत्मसर्मपण नीति बनाई है. इसका फायदा नक्सलियों को हटाने की अपील की जा रही है, ताकि उन्हें मुख्यधारा से जोड़ा जा सके. अगर नक्सली मुख्यधारा में नहीं छोड़ते हैं तो इसका परिणाम भी बुरा होगा.