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मनरेगा के तहत बने 40 सड़क गायब! महाघोटाले की अपर आयुक्त ने की जांच

चतरा के प्रतापपुर प्रखंड में मनरेगा से निर्मित 40 सड़कों के गुम होने के उठे मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव के निर्देश पर मनरेगा की विशेष टीम चतरा पहुंची. टीम ने इस दौरान एक दर्जन गांव में बनाए गए सड़कों की जांच की.

जांच करने पहुंचे अधिकारी

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Published : Oct 30, 2019, 2:10 PM IST

चतरा: प्रतापपुर प्रखंड में मनरेगा से निर्मित 40 सड़कों के गुम होने के उठे मामले की जांच के लिए मुख्य सचिव के निर्देश पर मनरेगा की विशेष टीम चतरा पहुंची. टीम का नेतृत्व मनरेगा के अपर आयुक्त मनीष तिवारी कर रहे थे. जांच दल ने योजना क्रियान्वयन में मिली शिकायत के आधार पर प्रतापपुर पंचायत के कोशियारा, बीरबीर, शिवपुर और मंझराही सहित अन्य करीब एक दर्जन गांव में बनाए गए सड़कों की जांच की.

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40 सड़कों के निर्माण में अनियमितता
इसके अलावा टंडवा पंचायत के बहराकोचवा आहर से बिष्णुपट्टी नाला, फुलदोबहिया आहर से श्मशान घाट और पथरा गांव में बने मेहरून्निसा बीवी के तालाब का भी निरीक्षण किया. बता दें कि सांसद सुनील सिंह ने दीसा की जिला स्तरीय बैठक में शिकायत की थी कि प्रतापपुर में लगभग 40 सड़कों के निर्माण में अनियमितता बरती गई है.

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होगी कार्रवाई
जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव ने मनरेगा अपर आयुक्त को जांच का निर्देश दिया था. अपर आयुक्त ने बताया कि शिकायत के आधार पर याचिकाकर्ता की उपस्थिति में योजनाओं की जांच की जा रही है. भौतिक सत्यापन के बाद योजना क्रियान्वयन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की जाएगी. उन्होंने बताया कि जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद संबंधित संवेदक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.

जांच के दौरान मारपीट की स्थिति
जांच के दौरान कई बार संवेदक और याचिकाकर्ताओं के बीच मारपीट की स्थिति उत्पन्न हो गई थी. जिसके बाद टीम को मौके पर पुलिस को बुलाने पड़ी. मौके पर मुखिया रीना देवी भी उपस्थित थी. जांच के दौरान अधिकांश योजनाएं जगह पर बनी मिली है, लेकिन निर्माण कार्य पूर्ण हुए पांच साल से अधिक हो जाने के कारण स्थिति जस की तस थी. अधिकारियों ने बताया कि जांच प्रतिवेदन मनरेगा आयुक्त को दिया जाएगा.

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साजिश के तहत किया जा रहा बदनाम: मुखिया
बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने पंचायत की मुखिया रीना देवी पर योजना क्रियान्वयन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पैसे की हेराफेरी करने का आरोप लगाया था. साथ ही परिजनों के नाम पर फर्जी तरीके से जॉब कार्ड का संधारण कर पैसे की निकासी करने का भी आरोप लगाया था. हालांकि मुखिया ने पूरे मामले में विरोधियों पर साजिश रचकर बदनाम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि मिट्टी मोरम योजना के छह साल पुराने मामले की जांच करवाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है.

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