चतरा: जिले के प्रतापपुर प्रखंड में हुए मनरेगा योजना में गड़बड़ी को लेकर हुई 14 कर्मियों के बर्खास्तगी प्रकरण में नया मोड़ आ गया है. जिला प्रशासन की कार्रवाई से नाराज बर्खास्त कर्मियों ने सरकार और जांच अधिकारी के विरुद्ध ही मोर्चा खोल दिया है. बर्खास्त मनरेगा कर्मियों ने मनरेगा के अपर आयुक्त मनीष तिवारी पर षड्यंत्र कर निर्दोष कर्मियों की रोजगार छीनने का गंभीर आरोप लगाया है.
मनरेगा अपर आयुक्त पर मनमानी करने का आरोप
इस बाबत मनरेगाकर्मियों ने एक वीडियो जारी कर जांच में चतरा पहुंचे मनरेगा अपर आयुक्त पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जिस सड़क के गायब होने का रिपोर्ट जांच अधिकारी की ओर से सरकार को समर्पित किया गया है वह सरासर झूठा और तथ्यहीन है. क्योंकि वीडियो में स्पष्ट है कि उन्हें सड़क की वस्तु स्थिति से अवगत कराने का प्रयास किया गया था, लेकिन उन्होंने उसे गंभीरता से नहीं लिया.
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बड़े अधिकारियों के षड्यंत्र के शिकार हुए
कर्मियों ने कहा है कि ग्रामीण विकास विभाग के सचिव के निर्देश पर आरोपों की जांच करने प्रतापपुर पहुंचे अपर आयुक्त ने ही मनमाने तरीके से गलत रिपोर्ट तैयार कर सोची समझी राजनीति के तहत समर्पित किया है. वे 40 सड़कों की जांच करने प्रतापपुर पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने महज 14 सड़कों का ही स्थल निरीक्षण किया था. कर्मियों ने यह भी आरोप लगाया है कि इस दौरान स्थानीय मुखिया रीना देवी ने भी अपर आयुक्त से सभी सड़कों का स्थल निरीक्षण करने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने रिकॉर्ड से संतुष्ट होने की बात कह कर स्थल जांच करने से इंकार कर दिया था. वे सभी बड़े अधिकारियों के षड्यंत्र के शिकार हुए हैं.