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लाचार और बेबस बसरिया गांव! ग्रामीणों को आज तक मयस्सर नहीं हुई सड़क, बिजली, पानी की सुविधा - झारखंड न्यूज

दशकों गुजर गये देश को आजाद और अलग झारखंड राज्य का निर्माण हुए. लेकिन इतने वर्षों में विकास की किरण इस गांव तक नहीं पहुंच पायी. आलम ऐसा है कि इतने साल बाद भी यहां के लोग सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए बाट जोह रहे हैं. ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट से जानिए, कौन से गांव का ऐसा हाल है.

Lack of basic facilities in Basariya village of Chatra
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Published : Jun 24, 2023, 4:49 PM IST

Updated : Jun 24, 2023, 8:50 PM IST

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चतराः जिला का एक ऐसा गांव है जो आज भी मूलभूत सुविधाओं की बाट जोह रहा है. इस गांव की तस्वीर को देखकर यही लगेगा, जैसे ये आदि युग में जी रहे हैं. लेकिन ये सच्चाई 21वीं सदी में बसने वाले गांव के लोगों की है.

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यहां के ग्रामीण बिजली, सड़क, शुद्ध पेयजल समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. दूसरे गांवों में ये सब सुविधाएं देखकर अपने आप को सांत्वना दे लेते हैं कि कभी तो हमारे गांव में चापानल का पानी शुद्ध होगा, पूरा गांव बिजली से रोशन रहेगा और हमें भी पक्की सड़क मुहैया करायी जाएंगी. कुछ दिन पूर्व चुआं का पानी-पीने से करीब आधा दर्जन लोग बीमार हो गए थे. जिसके बाद चिकित्सकों ने ग्रामीणों के तबीयत खराब होने का कारण नदी का गंदा पानी बताया था.

चतरा जिले के करमा पंचायत के बसरिया गांव के लोग आज भी नदी में चुआं खोदकर पानी पीने को मजबूर हैं. अंधेरे में रहने और खेतों के पगडंडियों में चलने को मजबूर हैं. यहां के लोग अब सोचने को मजबूर हैं कि कब तक इस गांव में पानी की समस्या से निजात मिले और पूरा गांव बिजली से रोशन होंगे और कब वे पक्की सड़कों पर चलेंगे, शायद इसका जवाब अभी तक किसी के पास नहीं है. इस गांव के लोगों को पानी से निजात दिलाने के लिए पीएचडी विभाग के द्वारा पूर्व में जलमीनार तो लगाया गया था लेकिन वो आज भी अधूरा पड़ा हुआ है.

इस गांव के आसपास वाले इलाके को सरकार ने मूलभूत सुविधाएं से जोड़ दिया है, लेकिन बसरिया गांव की ओर ना तो सरकार का ध्यान है और ना ही अधिकारियों की नजर गयी. बसरिया तक पक्की सड़क के पहुंचने की बात करें तो आज तक इस पक्की सड़क की स्वीकृत ही नहीं की गई है. यहां के बच्चों को बरसात के दिनों में खेतों के पगडंडियों के सहारे विद्यालय जाना पड़ता है.

स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस मामले में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं. पंचायत मुखिया की अनदेखी का आलम ऐसा है कि उन्हें पता ही नहीं कि जलमीनार लगा था या चोरी हुआ था. ऐसी काताही भरे रवैये से बसरिया वासी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं. ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों और अधिकारीयों से कई बार मूलभूत सुविधाओं की मांग की. लेकिन इस गांव के लोगों को सिर्फ आश्वासन ही दिया गया. जलमीनार लगने से गांव वाले लोगों को लगने लगा था कि अब इस गांव के दिन बहुरने वाले हैं लेकिन जलमीनार के अधूरे कार्य से विकास कार्य वहीं रुक गया.

ऐसे में बसरिया वासी आज भी विकास का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि करमा पंचायत की मुखिया अनिता देवी ने अपनी गलती सुधारते हुए कहा कि उन्हें इसकी जानकारी मिली तो वो खुद यहां आ गयीं और जल्द ही इस गांव को मूलभूत सुविधाओं से जोड़ा जाएगा. पेयजल की समस्या को लेकर कार्यपालक अभियंता अविक अंबाला ने कहा कि इस मामले की जानकारी हमें मिली है और जल्द ही बसरिया के लोगों को पेयजल समस्या से निजात मिलेगी. अब देखना होगा कि पेयजल के बाद कब तक इस गांव में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा या बसरिया गांव फिर मूलभूत सुविधाएं से वंचित ही रह जाएगा.

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Last Updated : Jun 24, 2023, 8:50 PM IST

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