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NGT की रोक के बावजूद चतरा में बालू की लूट, पुलिस बनी मूकदर्शक - चतरा में बालू का अवैध कारोबार

बालू का कारोबार झारखंड के कई जिलों में खुलेआम जारी है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मॉनसून में बालू घाटों से बालू खनन, उठाव और परिवहन पर रोक लगा रखा है. इसके बावजूद चतरा के मुहाने नदी में रोज बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. पुलिस सिर्फ मूकदर्शक बनी हुई है.

Illegal trade of sand continues in Chatra
Illegal trade of sand continues in Chatra

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Published : Aug 7, 2020, 5:13 PM IST

चतरा: जिले के प्रसिद्ध मां भद्रकाली मंदिर स्थित मुहाने नदी में दिन-रात पुलिस के नाक के नीचे धड़ल्ले से बालू खनन कर बिक्री किया जा रहा है. वहीं सब कुछ जानते हुए भी जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है.

भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय ने 15 जून 2020 को एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में स्पष्ट उल्लेख है कि 15 जून से 1 अक्टूबर तक मानसून सत्र का निर्धारण किया गया है. इस दौरान बालू खदानों, नदियों और घाटों से बालू उत्खनन पर प्रतिबंध लगाया जाता है, लेकिन इटखोरी में जिला प्रशासन सरकार के एक जिम्मेदार विभाग के आदेश का उल्लघंन कर रहा है. साथ ही बालू कारोबारियों को संरक्षण दे रहा है. बता दें कि मुहाने नदी से ही हर दिन करीब 300 से भी अधिक ट्रैक्टर बालू निकाला जा रहा है और पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है. इससे सरकारी राजस्व का घाटा हो रहा है.

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पुलिस अवैध खनन रोकने में नाकाम

बालू का कारोबार झारखंड के कई जिलों में खुलेआम जारी है. जल, जंगल जमीन वाला झारखंड में कई चीजों की लूट की सरकार ने खुली छूट दे रखी है. पुलिस की संलिप्तता से झारखंड के कई जिलों में बालू का अवैध कारोबार चल रहा है. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश पर जिला प्रशासन ने मॉनसून में बालू घाटों से बालू खनन, उठाव और परिवहन पर रोक लगा रखा है. इसके बावजूद राज्य में रोज बालू का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है. एनजीटी के आदेश और सरकार की ओर से बालू खनन पर रोक के बावजूद चतरा में बालू खनन और भंडारण का अवैध कारोबार चल रहा है. खनन विभाग के अधिकारी इन इलाकों में कभी छापेमारी नहीं करते, इस कारण बालू माफिया लंबे समय से सक्रिय हैं.

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