चतरा: जिले में रंगो का उत्सव होली के आगमन को लेकर पूरे देश में तैयारियां शुरू हो चुकी है. प्रकृति ने भी इसकी तैयारी वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही कर ली है. दरअसल चतरा जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिमरिया प्रखंड के जंगलों में खिलखिला रहें पलाश के मादक फूल बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने लगे हैं और जंगलों का भीतरी वातावरण इन दिनों ऐसा लग रहा है, मानो पेड़ में किसी ने दहकते अंगारे लगा रखे हों. आमतौर पर वसंत ऋतु के समय ये केसरिया रंग के फूल खिलने लगते हैं और होली के आसपास जहां इन फूलों की रंगिनियत चरम पर आकर इठलाते हुए, जंगल की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं. वहीं, वीरान जंगल में यह अग्नि की दहक का भी आभास कराते हैं.
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पलाश के फूलों से रंग-बिरंगी होगी होली
इधर, सामाजिक कार्यकर्ता शशि भूषण सिंह बताते हैं कि विगत कई सालों से इन फूलों से प्राकृतिक रंग बनाने की शिथिल पड़ गई. परंपरा के प्रति एक बार फिर से लोगों का रुझान बढ़ता दिख रहा है और इसके औषधीय गुणों को लोग समझने लगे हैं. बहरहाल, देश मे फैले वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के दहशत के कारण होली पर लोग केमिकल युक्त रंग-गुलाल खेलने से परहेज का फरमान जारी कर रहे हैं. ऐसे में पलाश के फूल की डिमांड बढ़ रही है.