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चतरा पहुंचे पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कोयला कंपनियों पर बोला हमला, कहा- धूल फांकने को मजबूर स्थानीय लोग

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 3, 2023, 9:16 PM IST

Updated : Sep 4, 2023, 11:21 AM IST

चतरा के टंडवा पहुंचे झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कोयला कंपनियों और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कंपनियां कमाने में व्यस्त हैं, लेकिन इसके कारण स्थानीय लोगों को धूल फांकना पड़ रहा है.

KN Tripathi attacked coal companies in Chatra
KN Tripathi attacked coal companies in Chatra

केएन त्रिपाठी, पूर्व मंत्री

चतरा: झारखंड पूर्व मंत्री सह कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी रविवार को एक दिवसीय दौरे पर चतरा के टंडवा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने टाउन हॉल परिसर में आयोजित एक समारोह में हिस्सा लिया. साथ ही प्रखंड के जनप्रतिनिधियों के साथ विचार विमर्श को लेकर बैठक भी की. बैठक के दौरान पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने टंडवा सहित आसपास के इलाकों में गैर कानूनी तरीके से हो रहे कोयला उत्खनन पर सवाल खड़े किए.

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उन्होंने कहा कि गैर कानूनी तरीके से कोयला उत्खनन कर उसे आनन-फानन में बेचा जा रहा है. इससे माफिया राजा बनते जा रहे हैं और यहां के स्थानीय रैयत और आम जनता उस कोयले के धूल को फांकने को मजबूर हैं. लोगों के रग-रग में कोयले का प्रदूषण और धूल बैठते जा रहा है. इससे उनकी आयु कम होती जा रही है.

केएन त्रिपाठी ने कहा कि टंडवा प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत मगध आम्रपाली और एनटीपीसी जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां स्थानीय रैयतों का दोहन और उनपर अत्याचार कर रही हैं. युवाओं के पास रोजगार नहीं है. शिक्षित युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं.

इस दौरान उन्होंने आम सड़क से हो रहे कोयले के ट्रांसपोर्टिंग को लेकर भी सीसीएल प्रबंधन पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ के लिए प्रबंधन और निजी कंपनियां आम लोगों को बलि का बकरा बना रही है. कोयले के ट्रांसपोर्टिंग के कारण सड़कों पर लोगों का चलना मुहाल हो गया है. इन गाड़ियों से लगातार लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं.

केंद्र पर बोला हमला:पूर्व मंत्री ने विस्थापन और रोजगार के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जिन कंपनियों को खनन के लिए जिम्मेवारी देती है, वे कंपनियां स्थानीय लोगों का भरपूर शोषण करती हैं. इसका नतीजा है कि जहां भी कोल कंपनियां स्थापित हैं, वहां बाकि जगहों की तुलना में बेरोजगारी और अधिक हावी है. टंडवा और उसके आस-पास के इलाके इसके उदाहरण हैं. वहीं उन्होंने कहा कि कोयले के खनन में कार्यरत निजी कंपनियां विस्थापन नीति का उल्लंघन कर स्थानीय रैयतों के जनजीवन को नर्क बना रही हैं.

केएन त्रिपाठी ने कहा कि इन मुद्दो को लेकर वृहद आंदोलन की जरूरत है. क्योंकि, जब तक इन कंपनियों के कारोबार का नुकसान नहीं होगा, तब तक यह जनता के हित की बात नहीं सोचेंगी. इस दौरान मौजूद जनप्रतिनिधियों ने कहा कि टंडवा में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के नेतृत्व में जल्द ही बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

Last Updated : Sep 4, 2023, 11:21 AM IST

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