चतरा:सिमरिया विधानसभा से भाकपा प्रत्याशी बिनोद बिहारी पासवान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस दौरान वे भाजपा और जेएमएम पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि झारखंड में 65 प्लस सीट के दावे करने वाली भाजपा और उसके सहयोगियों को जनता मुंहतोड़ जवाब देगी. विकास के नाम पर कमीशन और विनाश की राजनीति करने वाली भाजपा सिमरिया विधानसभा क्षेत्र में खंड-खंड विखंडित हो चुकी है.
विकास के नाम पर धोखा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रत्याशी बिनोद बिहारी ने कहा कि झूठे वादों और घोषणाओं की बदौलत सत्ता पर काबिज रहकर प्रदेश के खजाने को लूटने वाले जुमलेबाजों के नीतियों और सिद्धांतों को जनता जान चुकी है. 65 प्लस का सपना देखने वाली भाजपाइयों की उम्मीद इस विधानसभा चनाव में न सिर्फ चकनाचूर होगी, बल्कि 65 के बजाए छह-पांच ग्यारह में ही सिमट कर रह जाएगी. विकास के नाम पर धोखा खा चुकी जनता अब पूरी तरह से बदलाव के मूड में आ चुकी है.
ये भी पढ़ें-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज पहुंचेंगे चतरा, बाबा घाट मैदान में करेंगे चुनावी जनसभा को संबोधित
बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं दर-दर
भाकपा प्रत्याशी ने कहा कि एशिया की सबसे बड़ी कोल परियोजना सिमरिया विधानसभा क्षेत्र में स्थित है. इसके बावजूद इस विधानसभा क्षेत्र का उचित विकास नहीं हो सका है. शिक्षित बेरोजगार युवक रोजगार की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक सड़क से सीसीएल प्रबंधन मनमाने तरीके से कोयला लेकर ट्रांसपोर्टिंग करा रहा है, जिससे अब तक करीब 300 लोगों की जान जा चुकी है. उन्होंने बताया कि अपने कोयले से देश को रौशन करने वाला सिमरिया विधानसभा आज भी डिबरी युग में जी रहा है. यहां के लोग गर्दा खा रहे हैं और बाहर से आए लोग जर्दा का मजा ले रहे हैं.
आईटीआई कॉलेज में भी शिक्षकों की नियुक्ति
बिहारी ने कहा कि सिमरिया अनुमंडल बनाकर उसके कार्यालय में नामांकन करने का उनका सपना पूरा हो रहा है. इसी तरह सिमरिया विधानसभा की सड़कों को फोरलेन बनाकर सीसीएल की सीएसआर फंड का सदुपयोग किया जाएगा, साथ ही सिमरिया अनुमंडल मुख्यालय में स्थित आईटीआई कॉलेज में भी शिक्षकों की नियुक्ति उनकी पहली प्राथमिकता होगी.
ये भी पढ़ें-लातेहार में नक्सलियों ने की कायरतापूर्ण हरकत, जवानों के हौसले हैं बुलंद, देंगे करारा जवाब: सीएम
बेरोजगार युवकों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास
भाकपा प्रत्याशी का कहना है कि आज शिक्षित होने के बाद भी यहां के युवा बेरोजगार हैं. ऐसे में अगर उन्हें जनता का आशीर्वाद प्राप्त होता है तो वे प्राथमिकता के तहत सीसीएल परियोजनाओं में न सिर्फ बेरोजगार युवकों को रोजगार से जोड़ने का प्रयास करेंगे, बल्कि सीसीएल प्रबंधन की मनमानी पर रोक लगाते हुए आम लोगों को उनका अधिकार दिलाने का भी प्रयास भी करेंगे.