चतरा:सुप्रसिद्ध राजकीय इटखोरी महोत्सव बुधवार से शुरु हो गया. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने तीन धर्मों की संगम स्थली इटखोरी के भद्रकाली परिसर में तीन दिवसीय राजकीय इटखोरी महोत्सव का विधिवत उदघाटन किया. बता दें कि वर्ष 2016 से इस महोत्सव को राजकीय महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है.
19 फरवरी से 21 फरवरी तक महोत्सव
19 फरवरी से 21 फरवरी तक चलने वाला राजकीय महोत्सव में जहां एक ओर यहां की संस्कृति और इतिहास से लोगों को अवगत कराया जाएगा. वहीं देश के जाने-माने और मशहूर कलाकारों की तरफ से लोकगीत और संगीत के बीच कई कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाएंगे. इस मौके पर झारखंड के श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, स्थानीय सांसद सुनील कुमार सिंह, सिमरिया के विधायक किशुन दास, पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख, पर्यटन विभाग के सचिव राहुल शर्मा, बोधगया के महाबोधि मंदिर के सचिव एन दोरजे, दिगंबर जैन धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष ताराचंद जैन, अखिल भारतीय भिक्षु संघ के अध्यक्ष भंते प्रज्ञा दीप, उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के आयुक्त और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के पुलिस उप महानिरीक्षक के अलावा बड़ी संख्या में गण मान्य और आम लोग मौजूद थे.
धार्मिक स्थलों को विकसित करेगी सरकार
इधर मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने इटखोरी महोत्सव के उद्घाटन मौके पर अपने संबोधन में कहा कि खनिज संपदा के मामले में पूरे देश में झारखंड की एक अलग पहचान है. उन्होंने कहा कि धार्मिक और पर्यटन स्थलों के मामले में भी यह प्रदेश अपनी एक अलग महत्ता रखता है. इस पर उन्होंने कहा कि अब इन स्थलों को भी सरकार व्यापक स्तर पर विकसित करेगी और यह देश के पहले स्थान पर जाना जाएगा. उन्होंने बौद्ध गया से कौलेश्वरी होते हुए इटखोरी तक कनेक्टीविटी को और भी बेहतर करने की बात कही.