चतरा: झारखंड के चतरा सदर अस्पताल पिछले 3 दिनों से काफी चर्चा में है. दरअसल, इस अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही से फिर एक बच्चे की जान चली गई. बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने इलाज के बजाय डॉ. राजीव रंजन पर टालमटोल करने का गंभीर आरोप लगाया है.
चतरा में डॉक्टर की करामात, सदर अस्पताल में मौत के बाद भी होता है इलाज
चतरा सदर अस्पताल में डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया और डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगाया.
3 दिन पहले हंटरगंज थाना क्षेत्र के जोरी निवासी 14 वर्षीय प्रिंस कुमार को गंभीर अवस्था में परिजनों ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉ. राजीव रंजन ने घंटों बाद भी बच्चे का न उपचार शुरू किया और ना ही रेफर किया. जिससे अस्पताल के बेड पर ही बच्चे की तड़प तड़प कर मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों के हंगामे के बाद डॉक्टर ने बच्चे की मौत के एक घंटे बाद उसे ऑक्सीजन और स्लाइन चढ़ाया था.
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मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह परिजनों को शांत कराया. परिजनों की शिकायत पर पुलिस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. इधर, बच्चे की मौत के मामले में अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. एचडी सिंह विवादित बयान देते हुए कहा कि जिंदगी है तो मौत होगी ही हर आदमी हर घड़ी जिंदा नहीं रह सकता है. अस्पताल के प्रभारी सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिन्हा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है, दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी.