चतरा: सरकार बच्चों को शिक्षित करने के लिए भले ही लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर रही हो, लेकिन उसके ही लापरवाह नुमाइंदे सरकार के इन योजनाओं की सफलता पर ग्रहण लगाने में जुटे हैं. चतरा के लावालौंग प्रखंड में संचालित दो स्कूलों की समस्याओं ने शिक्षा व्यवस्था और उसके रहनुमाओं की कार्यशैली की पोल खोल कर रख दी है.
आक्रोशित हुए अभिभावक
सरकारी बाबूओं की लापरवाही के कारण दर्जनों छात्र-छात्राएं शिक्षा से महरूम होने के कगार पर आ खड़ी हैं. ऐसे में आक्रोशित अभिभावकों ने विद्यालय में रोष व्यक्त करते हुए ताला जड़ते हुए परीक्षार्थियों को अविलंब एडमिट कार्ड नहीं देने पर विद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की चेतावनी दी है.
ये भी पढ़ें-जमशेदपुर में श्वान प्रतियोगिता का आयोजन, जानें क्या हैं रूल
दो स्कूलों के बच्चों पर लटक रही है तलवार
दरअसल, मामला लावालौंग प्रखंड के आतमपुर और लमटा उत्क्रमित उच्च विद्यालय से जुड़ा है. जहां दर्जनों छात्र-छात्राएं इस बार आठवीं बोर्ड की परीक्षा से वंचित हो सकते हैं. इन बच्चों के बीच न तो अब तक परीक्षा को लेकर विद्यालय प्रबंधन ने एडमिट कार्ड दिया है और न ही कोई अन्य व्यवस्था.
डीईओ ने की बदसलूकी
सबसे बड़ी विडंबना है कि अभिभावकों और बच्चों की इस समस्या का निदान करने के बजाय जिले के प्रभारी जिला शिक्षा पदाधिकारी अपने बेतुके बोल से उनके जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं. बच्चों के अभिभावकों ने जब इस समस्या के निदान की गुहार फोन के माध्यम से डीईओ से लगाई तो उन्होंने बड़े उलझे हुए शब्दों में इसका जवाब दिया. उनका कहना है कि विद्यार्थियों की परीक्षा ले ली जाएगी, पर न तो वे आईएस बनेंगे और न ही कुछ कर पाएंगे.