रांची: प्रदेश की राजनीति में महिलाओं की सहभागिता झारखंड विधानसभा में लगभग 15% है, लेकिन संसद की बात करें तो वहां राज्य से सदन में एक भी महिला जनप्रतिनिधि नहीं हैं. हालांकि इस बार लोकतंत्र के महापर्व में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि राज्य के पांच प्रमंडलों में से तीन प्रमंडल में अलग-अलग राजनीतिक दल महिलाओं पर भरोसा जताने के मूड में हैं.
उनमें ज्यादातर राष्ट्रीय राजनीतिक दल हैं. सूत्रों का यकीन करें तो कोल्हान प्रमंडल से कुछ महीने पहले कांग्रेस का हाथ थामने वाली जगन्नाथपुर की विधायक गीता कोड़ा को सिंहभूम सीट से उतारने का मन बना रही है. गीता कोड़ा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी हैं और दूसरी बार जगन्नाथपुर इलाके से विधायक चुनी गई हैं.
हालांकि अभी तक उनकी उम्मीदवारी की कोई औपचारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो पार्टी सिंहभूम सीट पर उन्हें अपना चेहरा बनाने जा रही है. हालांकि दक्षिणी छोटानागपुर और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलों की बात करें तो वहां से बड़े राजनीतिक दल महिलाओं के पक्ष में खड़े नहीं दिख रहे हैं.
वहीं, संथाल परगना की बात करें तो वहां पड़ने वाले 3 लोकसभा सीट में से एक पर बीजेपी महिला उम्मीदवार उतारने का मन बना रही हैं. बीजेपी के अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी दुमका में शिबू सोरेन के खिलाफ राज्य की मौजूदा समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी के पक्ष में है. दरअसल, लुईस बीजेपी का वही चेहरा है, जिन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में शिबू सोरेन के बेटे हेमंत सोरेन से दुमका विधानसभा सीट छीन कर बीजेपी के खाते में दी थी.
पार्टी सूत्रों की मानें तो संथाल परगना में अल्पसंख्यक, मिशनरी और ट्राइबल वोट के समीकरण को साधने में मरांडी काफी हद तक सहायक साबित भी हो सकती हैं. वहीं पलामू प्रमंडल की पलामू लोकसभा सीट के लिए पूर्व नौकरशाह राजबाला वर्मा का नाम बड़ी तेजी से उभर कर ऊपर आ रहा है. वर्मा राज्य की सबसे 'चर्चित' मुख्य सचिव रही हैं. उनके कार्यकाल को लेकर पक्ष और विपक्ष उंगली उठाता रहा है, बावजूद उसके इन्होंने अपना टेन्योर पूरा किया.
वर्मा के साथ सकारात्मक बात यह भी है कि उनके पति और पूर्व आईएएस अधिकारी जेबी तुबिद प्रदेश बीजेपी में प्रवक्ता हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में तुबिद कोल्हान की चाईबासा सीट से चुनाव भी लड़ चुके हैं. इतना ही नहीं वर्मा की पहुंच राज्य के मुखिया से लेकर दिल्ली में बैठे पार्टी के मुखिया तक काफी मजबूत है. जिसका उन्हें लाभ मिल सकता है.
मूल रूप से पलामू सीट के लिए उभर कर आया वर्मा का नाम वहां के मौजूदा सांसद और पूर्व आईपीएस अधिकारी बीडी राम के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है. हालांकि इसके अलावा संथाल की राजमहल लोकसभा सीट पर हाल ही में बीजेपी ज्वाइन करने वाली रेणुका मुर्मू का नाम भी तेजी से उभर कर आ रहा है. जबकि कोयलांचल के धनबाद सीट पर वहां के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की पत्नी पूर्णिमा सिंह का भी नाम लिया जा रहा है.
चूंकि राज्य में लोकसभा का शेड्यूल चौथे चरण से शुरू होने वाले हैं. इसलिए अभी तक राजनीतिक दलों ने अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की है. हालांकि पक्ष और विपक्ष दोनों ने संभावित उम्मीदवारों को लेकर मंथन शुरू कर दिया है. हर लोकसभा इलाके से संभावित प्रत्याशियों के नाम सभी पार्टी के मुख्यालयों में फाइलों में बंद है. उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च के अंतिम हफ्ते तक इस पर तस्वीर साफ हो जाएगी.