धनबाद: जिले के टुंडी प्रखंड में अवस्थित बराकर नदी के तट पर चट्टान के उपर दुखिया महादेव नामक भगवान भोलेनाथ का एक शिवलिंग है. जहां न तो कोई मंदिर है और न ही लोग अब मंदिर बनाने का प्रयास करते हैं. लोगों का मानना है कि भगवान शिव नदी के तट पर स्वयं प्रकट हुए और यह दुखिया महादेव हमारे गांव की रक्षा बाढ़ से करते हैं.
चट्टानों पर जो शिवलिंग हैं यह दुखहरण बाबा अर्थात दुखिया महादेव है. यहां हर सोमवार के दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और नदी के तट पर इस शिवलिंग की पूजा होती हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इस चट्टान के उपर यह शिवलिंग लगभग 100 वर्ष पहले खुद से प्रकट हुआ है. उस समय टुंडी के राजा ने उस स्थान पर मंदिर बनवाने का प्रयास किया था, लेकिन भगवान ने सपने में आकर मंदिर बनाने से मना कर दिया, जिसके बाद लोग अब वहां पर मंदिर डर से बनाना भी नहीं चाहते.