रांची: केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है, एक तरफ जहां उनके पिता के बयानों की वजह से कुछ महीने पहले तक उन्हें डिफेंसिव होना पड़ रहा था. वहीं, दूसरी तरफ अब उनके स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से उनकी अनदेखी करनी शुरू कर दी है.
मंगलवार को बीजेपी के स्टेट हेड क्वार्टर में इसका नजारा देखने को मिला. आयोजन हजारीबाग के शिक्षाविद एके मिश्रा के बीजेपी में शामिल होने का था, जिसमें केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा भी मौजूद थे. बड़ी संख्या में हजारीबाग से आए कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में जमकर नारेबाजी की, लेकिन एक बार भी जयंत सिन्हा का नाम तक नहीं लिया. हालांकि सिन्हा ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि बीजेपी एक परिवार है और यहां व्यक्ति विशेष का नाम लेना उचित नहीं है.
हैरत की बात यह रही कि कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री सिन्हा के अलावा मौजूद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, पार्टी के दो उपाध्यक्ष प्रदीप वर्मा और आदित्य प्रसाद साहू भी मौजूद रहे और उनके सामने बीजेपी का दामन थामने वाले मिश्रा के समर्थकों ने ऐसे नारे लगाए जिसको सुनकर हजारीबाग के सांसद और केंद्रीय मंत्री सिन्हा के चेहरे पर बल पड़ गये. हालांकि सक्सेस गुरु के नाम से प्रचलित एके मिश्रा ने कहा कि पार्टी में उनकी जॉइनिंग कोई संयोग नहीं है.
उन्होंने कहा कि पहले से उनका संघ से जुड़ाव रहा है. हाल के घटनाक्रम के बाद उन्हें लगा कि मिशन 2019 और मोदी अगेन कैंपेन में उनकी सक्रिय भागीदारी होनी चाहिए. इसी वजह से उन्होंने बीजेपी का दामन थामा है. बता दें कि हजारीबाग संसदीय क्षेत्र से जयंत सिंहा मौजूदा सांसद हैं. उनके पिता और बीजेपी से बागी हुए यशवंत सिन्हा भी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व संसद में कर चुके हैं. ऐसे में मिश्रा के पार्टी में जॉइनिंग कहीं न कहीं उन्हें चुनौती दे सकती है.