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सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर को 10% आरक्षण, झारखंड कैबिनेट में 24 प्रस्ताव पास - झारखंड न्यूज

झारखंड सरकार ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए 10% आरक्षण देने का फैसला किया है. सरकारी नौकरी में आरक्षण का प्रावधान सुनिश्चित कराने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी, जबकि तकनीकी शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए संकल्प जारी होगा.

मुख्यमंत्री रघुवर दास (फाइल फोटो)

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Published : Feb 14, 2019, 8:17 PM IST

रांची: केंद्र सरकार की तर्ज पर झारखंड सरकार ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए 10% आरक्षण देने का फैसला किया है. इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने बुधवार को स्वीकृति दे दी है.

केके खंडेलवाल, कार्मिक सचिव

सरकारी नौकरी में आरक्षण का प्रावधान सुनिश्चित कराने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाएगी, जबकि तकनीकी शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिए संकल्प जारी होगा. कार्मिक सचिव केके खंडेलवाल ने स्पष्ट किया कि अगर 10% अनारक्षित कोटे के तहत नौकरी के लिए अप्लाई करने के बाद आर्थिक रूप से कमजोर अभ्यर्थी को मेरिट में नंबर आता है तो वह शेष बचे 40% अनारक्षित कोटे में माना जाएगा.

उन्होंने कहा कि झारखंड में अनुसूचित जनजाति को 26%, अनुसूचित जाति को 10%, पिछड़ा वर्ग को 8% और पिछड़ा वर्ग-2 को सरकारी नौकरी में 6% आरक्षण मिलता है।. चारों केटेगरी को जोड़ने पर 50% सीटें आरक्षित होती हैं. इस कड़ी में शेष 50% अनारक्षित कोटे में से 10% सीट सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए होगा.

किसे माना जाएगा आर्थिक रूप से कमजोर
अनारक्षित कोटे में 10% आरक्षण के लिए सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की आय सालाना 8 लाख से कम होनी चाहिए, जबकि 5 एकड़ या उससे अधिक जमीन होने पर, 1000 वर्ग फीट में आवासीय फ्लैट होने पर, म्यूनिसिपल एरिया में 100 वर्ग गज आवासीय भूखंड होने पर और नॉन म्यूनिसिपल एरिया में 200 वर्ग गज आवासीय जमीन होने पर यह लाभ नहीं मिलेगा.

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