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रांची का ग्रीन कॉरिडोर हो रहा कामयाब, दो दिनों में मासूम सहित दो की जान बचाई

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Published : Feb 6, 2019, 2:16 PM IST

रांची पुलिस ने 2 दिन में एक मासूम सहित दो लोगों की जान ग्रीन कॉरिडोर के जरिए बचाई. दो दिन में दो मरीजों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एअरलिफ्ट करवा कर रांची ट्रैफिक पुलिस खूब वाहवाही लूट रही है.

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रांची: ट्रैफिक पुलिस इन दिनों काफी चर्चा में है. चर्चा उनके अच्छे कामों को लेकर है. सोमवार को जहां एक 5 वर्षीय मासूम बच्ची की जान बचाने के लिए उसे रांची के दीनदयाल चौक से एयरपोर्ट मात्र 10 मिनट में पहुंचा दिया गया था. वहीं, मंगलवार को भी एक व्यक्ति की जान इसलिए बच पाई, क्योंकि ट्रैफिक पुलिस की मदद से एंबुलेंस को सही समय पर एयरपोर्ट पहुंचाया गया. रांची पुलिस ने 2 दिन में एक मासूम सहित दो लोगों की जान ग्रीन कॉरिडोर के जरिए बचाई.

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पहला मामला
सोमवार को 5 वर्षीय बच्ची की जान बचाने के लिए उसे एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली के एम्स अस्पताल भेजना काफी जरूरी था. जैसे ही इस बात की जानकारी रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को मिली उन्होंने तुरंत वायरलेस पर अपने ट्रैफिक जवानों को यह सूचना दी कि वे रांची के दिन दयाल चौक से लेकर एयरपोर्ट तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर बच्ची को एयरपोर्ट पहुंचाएं. मामले की गंभीरता को समझते हुए ट्रैफिक की टीम ने बिना जाम में फंसे बच्चे को एयरपोर्ट पहुंचाने की जिम्मेवारी उठाई और मात्र 10 मिनट के समय में उसे एयरपोर्ट पहुंचा दिया. एयरपोर्ट जाने में दिन के समय लगभग 45 मिनट लगते हैं.

दूसरा मामला
वहीं, मंगलवार को भी ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से एक व्यक्ति को ग्रीन कॉरिडोर बना कर एयरपोर्ट तक पहुंचाया गया. ट्रैफिक एसपी के अनुसार मंगलवार की दोपहर सुजाता चौक के पास तैनात ट्रेफिक इंस्पेक्टर को यह सूचना दी गई कि एक एंबुलेंस जो जाम में फंसी हुई है. उसे समय पर एयरपोर्ट पहुंचना काफी जरूरी है उसमें एक पेशेंट को ऑक्सीजन पर रखा गया है. सोमवार की तरह ही ट्रैफिक पुलिस के जवानों और अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी को निभाते हुए 8 मिनट में सुजाता चौक से एंबुलेंस को एयरपोर्ट तक पहुंचा दिया जिसके बाद एयर एंबुलेंस के जरिए मरीज को इलाज के लिए दिल्ली ले जाया गया.

हमारा कर्तव्य है मरीजों का जान बचाना
दो दिन में दो मरीजों को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर एअरलिफ्ट करवा कर रांची ट्रैफिक पुलिस खूब वाहवाही लूट रही है. हालांकि रांची के ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर कहते हैं कि यह कोई वाहवाही लूटने की बात है ही नहीं, ये तो ट्रैफिक पुलिस का कर्तव्य है कि वह किसी भी एंबुलेंस को जाम में ना फंसने दे, क्योंकि गोल्डन ऑवर में अगर मरीज को अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसके जीवन बचाने के चांस ज्यादा रहता है.

रांची पुलिस और ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से एक रिमोट कंट्रोल का भी निर्माण करवाया गया है. जिसके माध्यम से जाम में फंसे एंबुलेंस को तुरंत रास्ता देने का काम किया जाता है. रिमोट के माध्यम से ट्रैफिक सिग्नल को ग्रीन कर तुरंत जाम की स्थिति को खत्म कर एंबुलेंस को पास दिया जाता है.

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