रांची: राजधानी के पुलिस की गिरफ्त से डबल मर्डर का आरोपी लोकेश चौधरी अभी भी दूर है. हालांकि पुलिस का दावा है कि जल्द ही वह पुलिस की गिरफ्त में होगा, जानकारी के अनुसार पुलिस ने लोकेश के दो बैंक खातों को फ्रिज करवा दिया है. दोनों ही बैंक खातों में लाखों रुपये का बैलेंस है, मर्डर के बाद भी बड़े ट्रांजेक्शन हुए हैं.
बता दें कि अरगोड़ा थाना क्षेत्र के अशोक नगर रोड नंबर-एक स्थित एक न्यूज चैनल के कार्यालय में दो कारोबारी अग्रवाल बंधुओं की गोली मारकर हत्या मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बैंक खातों को फ्रिज करवा दिया. ताकि उसपर पुलिस की दबिश बन सके. इसके अलावा पुलिस ने लोकेश की संपत्ति जब्त करने की तैयारी भी शुरू कर दी है. कई संपत्तियों को सील भी किया जाएगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
राजदार हैं अंगरक्षक, गिरफ्तारी से खुलेंगे गई राज
इधर पुलिस की दो टीमें अलग से लोकेश और उसके दो अंगरक्षकों को पकडऩे के लिए बिहार और रामगढ़ रवाना हुई है. दोनों टीमों ने अंगरक्षकों की तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की. पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों ही अंगरक्षक लोकेश चौधरी के राजदार हैं. घटना को अंजाम देने के बाद लोकेश 11:57 बजे जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के कचनार टोली स्थित वसुंधरा अपार्टमेंट पहुंचा था. वहां से पत्नी और बच्चों को लेकर सीधे बिहार के लिए रवाना हो गया. दो अंगरक्षकों को लेकर वह निकला था. उनमें एक अंगरक्षक बिहारशरीफ उतरा, जो रायफलधारी अंगरक्षक था. दूसरा पिस्टलधारी बॉडीगार्ड है, जो पटना के फतुहा के एक मंदिर के पास उतर गया था.
पुलिस के बड़े अधिकारी की पैरवी पर मिले थे अंगरक्षक
लोकेश को करीब आठ महीने पहले दो सरकारी अंगरक्षक मिले थे. दोनों अंगरक्षक पुलिस के एक बड़े अधिकारी की पैरवी पर दिया गया था. हालांकि चार महीने पहले दोनों अंगरक्षक वापस ले लिया गया था. इसके बाद निजी अंगरक्षक साथ रखा था, लेकिन इस चार महीने के भीतर आठ अंगरक्षक बदले थे. पुलिस इसका भी पता लगाने में जुटी है.
गिरफ्तार चालक से मिले हैं अहम सुराग
डबल मर्डर का आरोपित लोकेश चौधरी के चालक शंकर फिलहाल पुलिस हिरासत में है. उसने पुलिस को कई अहम जानकारी दिए हैं. उसके आधार पर पुलिस लोकेश को दबोचने की कोशिश में जुटी है. शंकर को पुलिस पटना से गिरफ्तार कर रांची लाई थी, जिससे लगातार पूछताछ हो रही है. शंकर ने बताया कि लोकेश चौधरी कई दिनों से अशोक नगर स्थित अपने कार्यालय नहीं जा रहा था. छह मार्च की शाम करीब साढ़े चार से पांच बजे के बीच कार्यालय पहुंचा था. कार्यालय के बाहर गाड़ी में ही बैठने को कहा और बाला था कि दो व्यक्ति हेमंत अग्रवाल व महेंद्र अग्रवाल आएंगे, उन्हें अंदर भेज देना है.
अचानक सुनाई दी थी गोलियों की आवाज
हेमंत और महेंद्र अग्रवाल स्कूटी से वहां पहुंचते ही भीतर गए, दस मिनट के बाद ही दफ्तर में शोर होने लगा. तभी एक गोली चली, एक मिनट के भीतर ही दूसरी गोली चली और ताबड़तोड़ गोलियां चली थी. इसके बाद लोकेश गेट को लॉक करते हुए दोनों अंगरक्षक और एक सहयोगी के साथ तेजी से निकला. गाड़ी में बैठने के बाद चलने को कहा था. लोकेश के निकलने से संबंधित गतिविधि सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है. जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है.
इधर न्यूज चैनल कार्यालय परिसर के केयर टेकर विशुनदेव शर्मा व उनके बेटे पुंदाग के एसबीआइ एटीएम का गार्ड राकेश को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस चालक शंकर, केयर टेकर और उसके बेटे का कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराएगी.