रांचीः झारखंड सरकार ने राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है. इसके तहत कृषि के लिए उपयोग की जाने वाली बिजली के दर में बढ़ोतरी नहीं की गई है. वहीं औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली बिजली के लिए किसी प्रकार की सब्सिडी का प्रावधान नहीं किया गया.
नई दरों के अनुसार ग्रामीण इलाकों में उपभोक्ताओं को 1.50 रुपए से लेकर 1.75 रुपए प्रति यूनिट का भार झेलना होगा. वहीं शहरी उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 6.25 रुपया देना होगा. चार अलग-अलग शहरी डोमेस्टिक यूजर्स को 1 रुपये से लेकर 2.75 पैसे तक की सब्सिडी सरकार द्वारा दी जाएगी. वहीं ग्रामीण इलाकों में कमर्शियल उपभोक्ताओं पर महज 25 पैसे का भार बढ़ा है. जबकि शहरी इलाकों में 70 पैसे का भार बढ़ा है. मंगलवार को हुई स्टेट केबिनेट की बैठक के बाद ऊर्जा सचिव वंदना दादेल और झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर राहुल पुरवार ने यह जानकारी दी.
स्टेट केबिनेट सेक्रेट्री एसकेजी रहाटे ने बताया कि कुल 38 प्रस्तावों पर राज्य सरकार ने मुहर लगाई है. इसके तहत बिजली विभाग वितरण निगम लिमिटेड को 1350 करोड़ों रुपए की वित्तीय सहायता दी. पुरवार ने बताया कि पिछले साल विद्युत की औसत दर 5.98 पैसे थी, जो इस साल 6.32 रुपये पैसे हुई है.
कैबिनेट के निर्णय के बारे में रहाटे ने बताया कि रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाएगा. वहां कुडुख, मुंडारी, हो, खड़िया, संथाली, नागपुरी, कुरमाली, खोरठा, पंच परगनिया भाषा के लिए 29 पदों पर स्वीकृति दी गई. उन्होंने बताया कि इसके अलावा कैबिनेट ने गोड्डा जिले में 40.13 करोड़ की लागत से प्रोफेशनल कॉलेज के स्थापना पर मंजूरी दी है. साथ ही प्रीमिटिव ग्रुप को गरीबी से बाहर निकालने के लिए झारखंड ट्राइबल एंपावरमेंट की एक परियोजना के लिए दो संस्थाओं को नामांकन के आधार पर चुना गया है. साथ ही राज्य सरकार ने सिटी मेजर के 14 पदों की स्वीकृति दी है. इसके अलावा इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना के लिए राज्य सरकार राजधानी के नामकुम में 65 हजार स्क्वायर फीट बिल्ट अप एरिया और 1.65 एकड़ जमीन के साथ एक करोड़ अनुदान के रूप में एसटीपीआई को देगी.
कैबिनेट के निर्णय के बारे में रहाटे ने बताया कि रांची स्थित मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय में 17 पदों की स्वीकृति पर सहमति दी गई. साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत राज्य स्तर पर और जिला स्तर पर कोषांग गठित करने का भी निर्णय लिया गया. साथ ही संविदा के आधार पर राज्य में दो और जिलों में 48 पदों पर नियुक्ति करने पर भी सहमति बनी.