रांची: राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में दर्ज कांड में रांची पुलिस को केस दर्ज होने के 10 माह बाद भी वह मूल यंत्र नहीं मिल पाया है, जिसका इस्तेमाल कर कथित तौर पर रिकॉर्डिंग की गई थी. 24 अप्रैल को राज्यसभा चुनाव मामले में तत्कालीन स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता, सीएम के तत्कालीन राजनीतिक सलाहकार अजय कुमार को आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
एफआईआर दर्ज होने के बाद रांची पुलिस ने केस में गवाह के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, कांग्रेस नेता योगेंद्र साव और निर्मला देवी को नोटिस देकर मूलयंत्र की मांग की थी. बाबूलाल मरांडी ने अपने बयान में कहा कि मूलयंत्र उनके पास नहीं बल्कि योगेंद्र साव के पास है. पुलिस ने योगेंद्र साव को कई बार नोटिस किया, लेकिन उन्होंने मूल यंत्र देने से इंकार कर दिया. वहीं, निर्मला देवी और योगेंद्र साव ने अबतक अपना बयान भी पुलिस को दर्ज नहीं कराया. रांची पुलिस की टीम पूर्व में दोनों साक्षियों का बयान लेने भोपाल भी गई थी. योगेंद्र साव अब जेल में हैं, ऐसे में पुलिस उनका बयान दर्ज कराने के लिए कोर्ट में आवेदन देगी.
न्यायालय में दी गई सीडी को भेजा गया एफएसएल
मूल यंत्र नहीं मिलने पर रांची पुलिस ने कोर्ट को इसकी जानकारी दी है. ऐसे में पुलिस ने कोर्ट में दी गई एक सीडी को कोर्ट के आदेश से प्राप्त कर एफएसएल जांच के लिए सेंट्रल फोरेंसिक लाइब्रेरी गांधीनगर भेजा है.