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यहां के सांसद के लिए JMM के 'अपने' हुए थे बागी, अब जनता कर रही नए विकल्प की तलाश - Rajmahal parliamentary seat

राजमहल सांसद के 5 साल के कार्यकाल से जनता नाखुश नजर आ रही है. लोगों का कहना है कि सांसद विजय हांसदा अपने पिता थॉमस हांसदा के जैसे जनता का भरोसा नहीं जीत सके.

साहिबगंज में चुनाव की तैयारियां तेज

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Published : Mar 12, 2019, 4:50 PM IST

साहिबगंज: लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है. प्रदेश में 4 चरणों में चुनाव होगा. साहिबगंज में चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं, ऐसे में जनता भी अपने सांसद के पांच सालों का लेखा-जोखा लेकर सामने आ रही है. संताल परगना के राजमहल सीट से जेएमएम सांसद विजय हांसदा के कार्यकाल पर जनता क्या कहती है ये आप भी जानिए.

साहिबगंज में चुनाव की तैयारियां तेज

राजमहल संसदीय सीट संताल परगना की महत्वपूर्ण सीटों में से एक है. इस पर फिलहाल जेएमएम के विजय हांसदा सांसद हैं, लेकिन इस सीट पर जीत के लिए जेएमएम को अपनों का विरोध भी झेलना पड़ा था. नतीजा ये हुआ कि गुरुजी के भरोसेमंद साइमन मरांडी ने पार्टी ही छोड़ दी थी. क्योंकि विजय कद्दावर कांग्रेस नेता थॉमस हांसदा के बेटे थे, जिनसे इलाके में उनकी राजनीतिक प्रतिद्वंदता थी.

पिता के जैसे नहीं कर सके काम
इस क्षेत्र की जनता ने राजनीतिक प्रतिद्वंदता के बावजूद विजय हांसदा को उनके पिता की तरह ही लोकसभा भेजा. अब पांच साल बीत जाने के बाद लोगों का कहना है कि सांसद विजय हांसदा के पिता थॉमस हांसदा जब सांसद थे तब वे जनता के बीच जाकर उनसे रूबरू होते थे. साहिबगंजवासियों ने थॉमस हांसदा को देख कर वोट दिया था की पिता की तरह बेटा भी जनता का सेवा करेगा लेकिन ऐसा हो न सका.
हालांकि कुछ लोगों ने विजय हांसदा के काम पर संतोष भी जाहिर किया. उनके मुताबिक विजय हांसदा ने क्षेत्र के विकास की कोशिश की है.

क्या फिर मिलेगा मौका
पिछली बार मोदी लहर के बावजूद विजय हांसदा झामुमो की टिकट पर राजमहल से सांसद चुने गए थे. लेकिन इस बार क्या यहां कि जनता उन्हें सेवा का एक और मौका देगी ये तो वक्त बताएगा.

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