पलामू: नक्सल दस्ते में बंदूक उठा कर चलने वाली दो लड़कियों को पलामू पुलिस ने नई जिंदगी दी है. जिस नाबालिग हाथ ने पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए हथियार उठाया था, वही पुलिस आज इन नाबालिग लड़कियों की जिंदगी को संवार रही है.
दोनों लड़कियां पलामू के नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र के बिहार सीमा से सटे एक गांव की रहने वाली है. दोनों हाल ही में देवघर प्रोबेशन होम में करीब 10 महीना का वक्त गुजार कर आई है. पलामू पुलिस ने पहल कर दोनों लड़कियों को कस्तूरबा गांधी आवासीय स्कूल में नामांकन के लिए पहल किया है.
पलामू एसपी इंद्रजीत माहथा ने बताया कि दोनों को मुख्य धारा में शामिल होने के लिए सहयोग कर रही है, जिसके लिए दोनों के जमानत के लिए पहल की गई थी.
दोनों लड़कियां कुख्यात माओवादी कमांडर राकेश भुइयां के दस्ते का सदस्य थी. राकेश भुइयां के दस्ते में 18 सदस्य थे जिसमें से छह लड़कियां थी. जनवरी 2018 के अंतिम सप्ताह में नौडिहा बाजार थाना क्षेत्र के झूलझूल में सुरक्षाबलों के साथ हुए मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था. जबकि एक महिला नक्सली पकड़ी गई थी.
वहीं, फरवरी 2018 के पहले सप्ताह में छतरपुर के मलंगा पहाड़ में हुए मुठभेड़ में राकेश भुइयां समेत चार नक्सली मारे गए थे. इस मुठभेड़ में दो महिला नक्सली भी मारी गई थी. इसके करीब एक सप्ताह बाद पुलिस ने दस्ते में शामिल सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया था. जिसमें से दो लड़कियों को नाबालिग होने के कारण, प्रोबेशन होम में भेजा गया था. उसी दौरान नक्सलियों के खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी. लड़कियों के बयान के आधार दस्ते के खिलाफ दुष्कर्म और यौन शोषण का मामला भी दर्ज किया गया था.