रांचीः झारखंड के सरायकेला में कथित मॉब लिंचिंग की घटना से कई सवाल उठ खड़े हुए हैं. उन्मादी भीड़ ने चोर समझकर जिस युवक को पीटा, उसकी अस्पताल में मौत हो गई. भीड़ की ऐसी हैवानियत की घटना पहली बार नहीं हुई है. इससे पहले भी झारखंड में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, जिसे कथित तौर पर मॉब लिचिंग कहा जाता रहा है.
झारखंड में वहशी भीड़ की हैवानियत, उन्माद से लहूलुहान इंसानियत, जानें कब-कब हुई ऐसी घटनाएं
भीड़ का न तो कोई चेहरा होता है और न ही उसकी पहचान होती है. बस यही एक बड़ी वजह है जिसका फायदा आपराधिक तत्व उठाते हैं. झारखंड में ऐसी घटनाएं हुई हैं जब इंसाफ के नाम पर भीड़ ने हैवानियत से इंसानियत को लहूलुहान किया है.
झारखंड के सरायकेला में मॉब लिंचिंग
कब-कब हुई घटनाएं
- लातेहार में 17 मार्च 2016 में एक पशु व्यापारी समेत एक किशोर की कथित तौर पर हत्या कर उनकी बॉडी पेड़ से लटका दी गयी थी. इस घटना के बाद राज्य सरकार की पूरे देश में फजीहत हुई थी.
- 9 अक्टूबर 2016 में जामताड़ा में मिनहाज अंसारी नामक युवक की पुलिस कस्टडी में कथित तौर पर मौत हुई और यह मामला विधानसभा में उठाया गया था.
- 2017 में 4 ऐसी घटनाएं पूर्वी सिंहभूम जिले में घटी
- रामगढ़ में 29 जून 2017 45 साल के अलीमुद्दीन अंसारी की कथित तौर पर हत्या प्रतिबंधित मांस के ट्रांसपोर्टेशन के आरोपों के बाद कर दी गयी थी.
- 2017 में गढ़वा में ऐसी एक घटना हुई
- 12 से 18 मई 2017 के बीच 4 अलग अलग मामलों में कुल 9 लोगों को मॉब लिंचिंग में मार डाला गया.
- जून 2018 में गोड्डा में दो लोगों की इसी तरह की घटना में मौत हो गई थी.