रांची: राजधानी के धुर्वा स्थित सीआरपीएफ कैंप में मंगलवार को सौर्य शहादत दिवस मनाया गया है. जिसमें सीआरपीएफ ने देश की रक्षा के लिए शहीद हुए जवानों के परिजनों को सम्मानित किया और सीआरपीएफ के 80 वर्ष पूरे होने की उपलब्धियों को बताया.
कार्यक्रम में सीआरपीफ के महानिदेशक संजय आनंद लाटकर ने पुलवामा हमले में शहीद हुए विजय सोरेग की धर्मपत्नी कारमेला सोरेन और अमर शहीद प्रदीप कुमार मिर्धा की धर्मपत्नी आशा रानी को सम्मानित किया. कार्यक्रम में सीआरपीएफ ने अपने आधुनिकरण से लैस हथियारों, ड्रोन और अपने स्वान दस्ता का भी कार्यशाला लगा कर लोगों को सीआरपीएफ के ताकत की जानकारी दी.
मौके पर सीआरपीएफ के महानिरीक्षक संजय ए लाटकर ने बताया कि सीआरपीएफ को विश्व में सभी बलों में श्रेष्ठ बल माना जाता है. उन्होंने सौर्य दिवस के मौके पर सीआरपीएफ के कार्य एवं शौर्य की जानकारी दी. कार्यक्रम में महानिरीक्षक संजय आनंद लाटकर ने बताया कि सीआरपीएफ ने झारखंड के लोगों का दिल जीतने के लिए विभिन्न तरह का कार्यक्रम करते रहते हैं, जैसे किसानों के बीच बीज वितरण का कार्यक्रम, राज्य में पारा शिक्षक के आंदोलन के समय हमारे बहादुर कार्मिक बच्चों को पढ़ाने का भी काम करते थे.
उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के जवान सिर्फ नक्सलियों के सामने हथियार और लोहा ही नहीं लेते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को शिक्षित करने का भी काम करते हैं. समाज में लोगों को स्वस्थ रखने के लिए हमारे सीआरपीएफ के जवान जरूरत पड़ने पर रक्तदान जैसे महादान भी किया करते हैं. ताकि लोगों को खून की कमी ना हो सके. साथ ही संजय ए लाटकर ने समाज में सीआरपीएफ के कई महत्वपूर्ण योगदानों का जिक्र भी किया.
वहीं, कार्यक्रम में मौजूद शहीद विजय सोरेन्ग की पत्नी कर्मिला सोरेन्ग ने बताया कि जिस प्रकार से पुलवामा में हुए आतंकी हमले में हमारे पति शहीद हुए हैं, उसका बदला लेने के लिए मैं अपने बच्चे को भी सीआरपीएफ में भेजूंगी और अपने देश की रक्षा करने की शिक्षा दूंगी.