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महेंद्र सिंह धोनी का दिउड़ी से है खास रिश्ता, यहां पूरी होती है माही की मनोकामना

रांची के नक्सल प्रभावित तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में आस्था का एक अनूठा स्थान है. यहां स्थित दिउड़ी मंदिर से टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का खास लगाव है. धोनी अपना हर नया काम शुरू करने से पहले यहां आकर मां दुर्गा का आशीर्वाद लेते हैं. धोनी की वजह से दिउड़ी मंदिर की प्रसिद्धि बढ़ती जा रही है. जानिए आखिर क्या खास है दिउड़ी मंदिर में.

महेंद्र सिंह धोनी का दिउड़ी से है खास रिश्ता

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Published : Jul 5, 2019, 6:02 AM IST

रांचीः झारखंड की राजधानी रांची से करीब 60 किलोमीटर दूर टाटा-रांची हाईवे नंबर 33 पर एक खास मंदिर है. दिउड़ी मंदिर के नाम से मशहूर आस्था के इस अलौकिक धाम से धोनी का खास रिश्ता है. धोनी अपना हर बड़ा काम शुरू करने से पहले यहां मां दुर्गा के दर्शन के लिए आते हैं. क्रिकेट के बड़े टूर्नामेंट्स के पहले और बाद में भी धोनी दिउड़ी मंदिर जरूर आते हैं. दिउड़ी मंदिर के पुजारी राहुल पंडा ने बताया कि दिउड़ी मंदिर को लेकर धोनी की आस्था इतनी गहरी है कि जब भी वो रांची आते हैं तो दिउड़ी मंदिर आना नहीं भूलते. राहुल पंडा धोनी के खास पुजारी हैं. उन्होंने ये भी बताया कि धोनी हमेशा इस मंदिर के फूल को अपने पास रखते हैं.

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धोनी की मां ने मांगी जीत की मनोकामना

साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप के पहले धोनी यहां मत्था टेकने आये थे. 2011 में भी विश्व कप के पहले धोनी ने दिउड़ी मंदिर आकर आशीर्वाद लिया था. इस बार विश्वकप शुरू होने से पहले धोनी नहीं आ सके तो उनकी मां ने यहां पूजा-अर्चना की. दिउड़ी मंदिर के पुजारी मनोज पंडा ने बताया कि 1 जून को धोनी की मां देवकी देवी ने करीब 20 मिनट तक मंदिर में मां दुर्गा की पूजा अर्चना की. उन्होंने इंग्लैंड में चल रहे क्रिकेट विश्वकप में भारत की जीत के लिए मनोकामना मांगी.

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क्या खासियत है दिउड़ी मंदिर की

  • दिउड़ी मंदिर रांची से करीब 60 किलोमीटर दूर तमाड़ में टाटा-रांची हाईवे संख्या 33 पर स्थित है.
  • इस मंदिर में मां दुर्गा की 700 साल पुरानी प्रतिमा है.
  • यहां मां दुर्गा के 16 हाथ हैं, आमतौर पर मां की अष्टभुजा प्रतिमा मिलती है.
  • दिउड़ी मंदिर में 6 आदिवासी पुजारी, जिन्हें पाहन के नाम से जाना जाता है, ये पांडा कहे जाने वाले
  • ब्राह्मण पुजारियों के साथ मां की पूजा करते हैं.
  • स्थानीय लोगों के अनुसार एक आदिवासी शासक ने दशकों पहले इस मंदिर की स्थापना करवायी थी.
  • मान्यता है कि जिसने भी मंदिर की संरचना को बदलने की कोशिश की, उसे देवताओं के कोप का सामना करना पड़ा.

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नक्सल प्रभावित तमाड़ इलाके में बने इस मंदिर में मां दुर्गा की सोलह भुजा वाली प्रतिमा विराजमान है. इसकी स्थापना के समय का सटीक पता तो नहीं चलता, लेकिन लोगों के अनुसार एक आदिवासी शासक ने दशकों पहले इस मंदिर की स्थापना करवायी थी. फिलहाल इस मंदिर का जीर्णोदार किया जा रहा है जिसमें धोनी भी सहयोग कर रहे हैं.

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