रांची: अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रांची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगाभ्यास किया. इस दौरान उन्होंने राजधानी के प्रभात तारा मैदान में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि थके शरीर और टूटे मन से सपने नहीं सजाए जा सकते हैं.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, भारत झारखंड में बोली जाने वाली भाषा छोटानागपुरी में अपना संबोधन शुरू करने के बाद उन्होंने कहा कि योग को दैनिक जीवन में आत्मसात कर लोग स्वस्थ रह सकते हैं. पीएम ने कहा कि रांची में ही इस तरह का आयोजन करना और उनके शामिल होने के पीछे 3 वजह है. उसमें सबसे बड़ी वजह यह है कि झारखंड अपने नाम के अनुरूप प्रकृति के काफी करीब है. दूसरी वजह है दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना आयुष्मान योजना की शुरुआत यहीं से हुई थी और तीसरी वजह यह है की योग को अभियान के रूप में एक अलग स्तर पर ले जाना है.
पीएम ने कहा कि योग अभी भी देश के ग्रामीण इलाकों तक सही ढंग से नहीं पहुंच पाया है. योग देश में हमेशा से संस्कृति का हिस्सा रहा है और अब ड्राइंग रूम से लेकर बोर्डरूम तक उसकी पहुंच हो रही है. उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल में उनकी सरकार ने इसे प्रीवेंटिव हेल्थ केयर बनाने की कोशिश की है और इसे हेल्थ से वैलनेस के तरफ ले जाने की कोशिश की है. पीएम मोदी ने कहा कि खुशी की बात यह है कि युवा पीढ़ी इस पुरातन पद्धति को आधुनिकता के साथ जोड़ रही है. उनके इनोवेटिव और क्रिएटिव आइडिया से योग जीवंत हो गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार योग फॉर हार्ट केयर थीम बनाया गया है इसकी सबसे बड़ी वजह है कि हार्ट की समस्या एक चुनौती के रूप में उभर रही है.
चार 'प' देते हैं परिणाम
योगासन और प्राणायाम शुरू करने से पहले पीएम ने कहा कि पानी, पोषण, पर्यावरण और परिश्रम के ऐसे 4 'प' है जो परिणाम देते हैं. ऐसे में इन्हें दैनिक जीवन में अपनाना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि झारखंड में देवघर का रिखिया आश्रम हो या रांची के योगदा सत्संग. वैसे संस्थान भी हार्ट केयर को थीम बनाकर काम करें. उन्होंने कहा कि बीमारी गरीब को और गरीब बनाती है और योग से बीमारियां नहीं होती हैं. ऐसे में योग की स्थापना का मतलब गरीबी और बीमारी से निकलना है. पीएम ने कहा कि दवाइयां और सर्जरी समाधान नहीं है. मौजूदा समय में 'इलनेस के साथ वैलनेस' पर अधिक फोकस होना जरूरी है.
गवर्नर और राज्य के मंत्री, विधायक और अधिकारी हुए शामिल
इस मौके पर राज्य की गवर्नर द्रौपदी मुर्मू और हेल्थ मिनिस्टर रामचन्द्र चंद्रवंशी समेत वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. इस मौके पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा राज्य में अभी 340 सेंटर चल रहे हैं जहां योग सिखाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि योग से झारखंड का पुराना रिश्ता रहा है. यहां की जनजाति समाज चाहे वह संथाली हो, मुंडा हो या फिर उरांव उन्होंने अपने दैनिक जीवन से लेकर किसी न किसी रूप में योग को अपना कर रखा है.