रांची: राजधानी के रांची विश्वविद्यालय में 58 साल बाद शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है. हालांकि शिक्षण शुल्क समेत अन्य शुल्क में लिए गए बढ़ोतरी के निर्णय में बदलाव हो सकता है. इसके संकेत खुद वीसी रमेश कुमार पांडे ने दिए हैं. छात्र संगठनों के जोरदार आंदोलन और विरोध के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन इसपर विचार कर रहा है.
गौरतलब है कि विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा रांची विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षण शुल्क समेत अन्य शुल्क में बढ़ोतरी के निर्णय के विरोध में जोरदार आंदोलन किया गया था. वीसी रमेश कुमार पांडे पर इस निर्णय को वापस लेने को लेकर लगातार दबाव है.
ये भी पढ़ें- बिरसा मुंडा की प्रतिमा को किया गया ठीक, नई मूर्ति के लिए उपवास पर बैठे आदिवासी संगठन
बता दें कि रांची विवि ने 58 साल बाद शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी का निर्णय लिया है. विश्वविद्यालय में वर्तमान में स्नातक के लिए प्रतिमाह 12 और स्नाकोत्तर के लिए 18 रुपये शुल्क लिया जाता है. जिसे बढ़ाकर 125 और 150 रुपए करने का निर्णय विवि प्रशासन द्वारा लिया गया है.
विद्यार्थियों की मानें तो एक साल में लगभग 5500 शुल्क अब देना होगा. इससे पहले साल 2004 में शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन उस दौरान भी छात्र संगठनों द्वारा उस निर्णय का जोरदार विरोध किया गया था. साल 2004 में शुल्क वृद्धि की उस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया.
गौरतलब है कि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से आज तक शिक्षण शुल्क में बढ़ोतरी नहीं की गई है. इस बार भी ऐसी ही स्थिति है. आरयू के वीसी रमेश कुमार पांडे ने यह संकेत दिया है कि छात्र संगठनों के दबाव को देखते हुए प्रशासन इस निर्णय पर विचार करेगी.
वीसी ने कहा कि आरयू के वित्तीय समिति द्वारा फीस वृद्धि के सम्बन्ध में नोटिफिकेशन आया था, लेकिन अब सिंडीकेट की बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा किया जाएगा और बेतहाशा फीस वृद्धि नहीं की जाएगी.