रांची: झारखंड के आम लोगों को आशियाने का सपना दिखा कर करोड़ों की ठगी करने वाले संजीवनी बिल्डकॉन पर ईडी ने अपना शिकंजा कसा है. गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय ने संजीवनी बिल्डकॉन के डायरेक्टर जयंत दयाल नंदी की पहली पत्नी अनीता नंदी और संजीवनी के दूसरे अधिकारियो के नाम पर खरीदे गए करोड़ों की संपत्ति को जब्त कर लिया.
ईडी ने जयंत दयाल नंदी की पहली पत्नी अनीता नंदी के नाम पर रायपुर के सिविल लाइन में खरीदे गए फ्लैट, जेडी नंदी के सहयोगी और कंपनी के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता के नाम पर रांची में खरीदी गई 10 संपत्ति और फिक्स डिपॉजिट को जब्त कर लिया है. जब्त किए गए चल-अचल संपत्ति की कीमत तकरीबन 3.10 करोड़ रुपए है.
2018 में शुरू हुई थी जांच
प्रवर्तन निदेशालय ने मई 2018 में संजीवनी बिल्डकॉन और उसके निदेशक उज्जैन दयाल नंदी उसकी दूसरी पत्नी अनामिका नंदी, पहली पत्नी अनीता कंपनी के निदेशक श्याम किशोर गुप्ता डायरेक्टर तकनीक अरविंद सिंग, ऑपरेशन मैनेजर आरपी वर्मा से पूछताछ की थी, जिसमें यह पता चला था कि संजीवनी ग्रुप के रांची, रायपुर, मुंबई और पुणे में अचल संपत्ति है.
करोड़ों रुपए की ठगी का मामला
अप्रैल 2012 में संजीवनी बिल्डकॉन के द्वारा आम लोगों को घर दिलवाने का सपना दिखाकर करोड़ों रुपए की ठगी का मामला सामने आया था. जिसके बाद रांची के अलग-अलग थानों में संजीवनी बिल्डकॉन के खिलाफ कुल 33 केस दर्ज किए गए थे. एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जयंत दयाल नंदी, अनामिका नंदी, अनीता नंदी, अरविंद सिंह, आरपी वर्मा, पीके गुप्ता, अब्दुल वहाब समेत कई लोगों को आरोपी बनाया था.
साल 2014 में सीबीआई ने सभी 33 केस को टेकओवर कर अनुसंधान शुरू किया था. सीबीआई ने ठगी के साथ-साथ जमीन घोटाले में मददगार सरकारी कर्मचारियों की भूमिका की जांच कर रही थी. संजीवनी बिल्डकॉन से जुड़े अधिकांश मामलों में सीबीआई ने अपनी जांच पूरी कर चार्जशीट फाइल कर दिया है.