बोकारो: ये एजुकेशन एक्सप्रेस बोकारो से करीब 50 किलोमीटर दूर रघुनाथपुर गांव में चलती है. इसमें हफ्ते के 6दिन 350 से ज्यादा बच्चे सफर करते हैं. ज्ञान, विकास और उन्नति इस एजुकेशन एक्सप्रेस के स्टेशन हैं. वहीं, शिक्षक इस एक्सप्रेस के इंजन के तौर पर हैं. हम बात कर रहे हैं रघुनाथपुर गांव के उत्क्रमित विद्यालय की, जिसे शिक्षकों ने ट्रेन का रूप दे दिया है.
बोकारो के दुर्गा पहाड़ी के नीचे स्थित इस रेलनुमा स्कूल में आसपास के 5 गांव के बच्चे पढ़ने आते हैं. यह बच्चे गरीब और मजदूर परिवार के हैं. इनमें अधिकांश बच्चे ऐसे हैं, जो पढ़ाई के साथ ही मेहनत मजदूरी करते हैं. तब जाकर उन्हें 2 वक्त की रोटी नसीब होती है. ऐसे में स्कूल में मिलने वाला मिड डे मील इनके लिए अमृत के समान है. यहां पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे आदिवासी हैं, जिन्होंने कभी ट्रेन नहीं देखी.