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कैबिनेट का अहम फैसला, विधायक हर साल पेयजल के लिए खर्च कर सकेंगे 50 लाख रुपये

राज्य सरकार ने मंगलवार को हुए कैबिनेट की बैठक में कुल 14 प्रस्तावों पर मुहर लगाई, जिसमें मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना में 4 अलग-अलग संशोधन करने का निर्णय गया.

जानकारी देते अजय कुमार सिंह

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Published : Jun 12, 2019, 5:43 PM IST

रांची: सूबे की सरकार ने मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना में 4 अलग-अलग संशोधन करने का निर्णय लिया है. इस विषय में मंगलवार को हुई स्टेट कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया.
लाभुकों को मिलेगी राहत
कैबिनेट के संशोधनों में यह तय हुआ कि लाभुकों की योग्यता निर्धारण के लिए 30 मई 2019 को कट ऑफ डेट होगा, साथ ही लाभुकों को मिलने वाली राशि दो या दो से अधिक किस्त में दी जाएगी. वहीं, इस योजना के लाभ की पहचान का अंतिम निर्णय डिप्टी कमिश्नर करेंगे. हालांकि, निदेशक कृषि और जिलों के डिप्टी कमिश्नर के द्वारा दो अलग-अलग खातों का देखभाल होगी. इनमें से एक खाते में योजना के लिए पैसे रखा जाएगा, जबकि दूसरा कंटीन्जेंसीज के प्रावधान के लिए रखा जाएगा. डिप्टी कमिश्नर अपने स्तर से जांच करने के बाद पैसा सीधा लाभुकों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करेंगे.

14 प्रस्तावों पर लगी मुहर
राज्य सरकार ने मंगलवार को ही कैबिनेट की बैठक में कुल 14 प्रस्तावों पर मुहर लगाई है. उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम के जमशेदपुर के नोटिफाइड एरिया कमिटी में 7 एकड़ भूमि पीएम आवास योजना के तहत शहरी विकास एवं आवास विभाग को बिना किसी शुल्क के ट्रांसफर पर स्वीकृति दी, ऊर्जा विभाग के दो अलग-अलग प्रस्तावों पर स्वीकृति दी, श्रम विभाग के झारखंड कारखाना नियमावली 1950 के नियमों में संशोधन पर भी स्वीकृति दी और वहीं राज्य सरकार ने स्वर्णकार को ओबीसी टू में शामिल करने के प्रस्ताव पर भी सहमति दी.

जानकारी देते अजय कुमार सिंह

पेयजल आपूर्ति के लिए विधायक ले सकेंगे 50 लाख
सरकार ने विधायक योजना अंतर्गत उनकी अनुशंसा पर ली जाने वाली योजनाओं की सूची में पेयजल आपूर्ति से जुड़ी योजनाओं को भी सम्मिलित करने का निर्णय लिया, इसके तहत कम से कम 50 लाख रुपये तक की पेयजल आपूर्ति से जुड़ी योजनाएं विधायक ले सकेंगें. विधायक निधि के तहत हर विधायक को 4 करोड़ रुपए अपने इलाके में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए मिलते हैं.

अन्य निर्णयों में जिसमें राज्य सरकार ने शैक्षिक सांस्कृतिक संस्थानों को कार्यशाला उत्सव और महोत्सव जैसे आयोजन के लिए 10 लाख रुपये तक के ग्रांट देने का प्रावधान से जुड़ी नियमावली के गठन पर स्वीकृति दी. साथ ही राज्य सरकार ने मनरेगा के तहत संविदा पर काम कर रहे पदाधिकारियों और कर्मियों को दिए जाने वाले मानदेय बढ़ोतरी पर भी स्वीकृति दी, जिसके तहत ग्राम रोजगार सेवक, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी सहायक इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, कंप्यूटर असिस्टेंट और अकाउंट असिस्टेंट के मानदेय में वृद्धि पर मुहर लगाई गई है. वहीं, एक अन्य मामले में राज्य सरकार ने तय किया है कि जमीनों के म्यूटेशन संबंधी मामले को निपटाने के लिए सर्किल ऑफिसर अपने-अपने इलाकों में स्पेशल कैंप लगाएंगे और उनका निष्पादन करेंगें.

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