रांचीः विधानसभा में मंगलवार को मंत्रिमंडल समन्वय विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा हुई. जिसको लेकर विपक्ष ने कटौती प्रस्ताव लाया. जिसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि हमारा प्रयास है कि विकास को गति दी जाए.जिसके बाद ध्वनि मत से वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पास हुआ.
जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि 13 विभाग के अनुदान की मांग है. अगर संवैधानिक बाध्यता न होती तो मुख्यमंत्री सदन में रहते भी नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ कारनामे हैं. इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री के पास दो दर्जन विभाग हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार देखा है कि मंत्री और मुख्यमंत्री एक दूसरे के विरोध में हैं.
उन्होंने कहा कि विधानसभा भवन निर्माण में भी वित्तीय अनियमितता हुई है. कार्मिक प्रशासनिक विभाग से पुलिस अवर निरीक्षक की बहाली निकाले जाने की चर्चा करते हुए कहा कि उसकी नियमावली में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को नजरअंदाज किया गया है.
वित्त विभाग में मुख्यमंत्री ने जनता को भ्रमित किया है. उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों की बहाली पर रोक लगानी चाहिए. गृह विभाग की कटौती प्रस्ताव पर कहा कि जब मुख्यमंत्री दुमका गए तो वहां एक बैंक में लूट हो गई और फोटो खिंचवाने में पुलिस आगे रही.
जेएमएम विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कटौती प्रस्ताव के पक्ष में कहा कि कई सारे महत्वपूर्ण विभाग हैं. राज्य में जब विधायक सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोग सुरक्षित कैसे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि रांची राज्य की क्राइम कैपिटल बन गई है. विकास दर से ज्यादा क्राइम का दर हो गया है. राज्य पुलिस की कोल माफियाओं के साथ सांठगांठ है. उन्होंने कहा कि राज्य का विकास दर पिछले 3 वर्ष में सबसे कम रहा है.