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ध्वनि मत से विधानसभा में पास हुआ झारखंड का बजट, विपक्ष ने उठाये कई सवाल

विधानसभा में मंगलवार को मंत्रिमंडल समन्वय विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा हुई. जिसको लेकर विपक्ष ने कटौती प्रस्ताव लाया. जिसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि हमारा प्रयास है कि विकास को गति दी जाए.जिसके बाद ध्वनि मत से वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पास हुआ.

झारखंड विधानसभा

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Published : Feb 5, 2019, 9:29 PM IST

रांचीः विधानसभा में मंगलवार को मंत्रिमंडल समन्वय विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा हुई. जिसको लेकर विपक्ष ने कटौती प्रस्ताव लाया. जिसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि हमारा प्रयास है कि विकास को गति दी जाए.जिसके बाद ध्वनि मत से वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पास हुआ.

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जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि 13 विभाग के अनुदान की मांग है. अगर संवैधानिक बाध्यता न होती तो मुख्यमंत्री सदन में रहते भी नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार के कुछ कारनामे हैं. इतिहास में पहली बार किसी मुख्यमंत्री के पास दो दर्जन विभाग हैं. उन्होंने कहा कि पहली बार देखा है कि मंत्री और मुख्यमंत्री एक दूसरे के विरोध में हैं.

उन्होंने कहा कि विधानसभा भवन निर्माण में भी वित्तीय अनियमितता हुई है. कार्मिक प्रशासनिक विभाग से पुलिस अवर निरीक्षक की बहाली निकाले जाने की चर्चा करते हुए कहा कि उसकी नियमावली में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को नजरअंदाज किया गया है.

वित्त विभाग में मुख्यमंत्री ने जनता को भ्रमित किया है. उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों की बहाली पर रोक लगानी चाहिए. गृह विभाग की कटौती प्रस्ताव पर कहा कि जब मुख्यमंत्री दुमका गए तो वहां एक बैंक में लूट हो गई और फोटो खिंचवाने में पुलिस आगे रही.

जेएमएम विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कटौती प्रस्ताव के पक्ष में कहा कि कई सारे महत्वपूर्ण विभाग हैं. राज्य में जब विधायक सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोग सुरक्षित कैसे हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि रांची राज्य की क्राइम कैपिटल बन गई है. विकास दर से ज्यादा क्राइम का दर हो गया है. राज्य पुलिस की कोल माफियाओं के साथ सांठगांठ है. उन्होंने कहा कि राज्य का विकास दर पिछले 3 वर्ष में सबसे कम रहा है.

वहीं कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि आज जो स्थिति सीबीआई और आरबीआई की है. उस पर यही कहा जा सकता है कि सरकार ऐसे संस्थान को अपने कंट्रोल में रखना चाहती है. 53 हजार संगीन अपराध हुए हैं. वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा आर्म्स एक्ट के मामले सामने आए हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या सरकार ने किसी संगठित गिरोह को चिन्हित किया है.

वहीं संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने जवाब देते हुए कहा कि हमारा प्रयास है कि समन्वय स्थापित करते हुए विकास को गति दी जाए. सरकार हर तरह से तेजी से विकास कर रही है. 18 वर्ष बाद भी सरकार राज्य को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. सदन से बाहर विकास का काम देखने को मिलेगा.

सरकार जिस तरह से अभी क्राइम पर कंट्रोल कर रही है. वैसा पहले कभी नहीं हुआ है. 21 उग्रवाद जिला को घटाकर सरकार ने 19 पर लाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस अपना काम कर रही है. अब आधी रात में भी पलामू, गढ़वा में निर्भीक होकर लोग आते जाते हैं. जबकि पहले 7 बजे के बाद पुलिस प्रशासन के लोग भी उस क्षेत्र में नहीं जाते थे.

वहीं सरकार का पूरा जवाब सुनने से पहले ही विपक्ष बाहर निकल गया. जिस पर नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि विपक्ष सच्चाई सुनना नहीं चाहता. 1977 में देश में इमरजेंसी लगी थी. इसका जवाब जनता ने दिया था. आगे भी जनता जवाब देगी.

उन्होंने कहा कि 2018 में उग्रवाद की घटना में कमी आयी है. वहीं मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि झारखंड की आधी आबादी के बारे में विपक्ष ने कुछ नहीं कहा. जबकि सरकार ने बहनों को भी सुरक्षा देने के लिए 44 महिला थाना बनाने का काम किया है. सरकार सब की है. सभी को पुलिस का मनोबल बढ़ाने का काम करना चाहिए.

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