रांची: राजधानी में इन दिनों कलाकारों का जमावड़ा लगा हुआ है. यह जमावड़ा राजधानी के मोरहाबादी स्थित रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में है. जहां राज्य की पारंपरिक लोक कलाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है.
रांची: झारखंड की कला को पहचान दिलाने की कोशिश, मोरहाबादी में लगा कलाकारों का जमावड़ा - Ramdayal Munda Tribal Research Institute
राजधानी रांची में आठ दिनों तक चलने वाले इस पारंपरिक चित्रकला कर्यक्रम में राज्यभर से कलाकार हिस्सा ले रहे हैं. जो झारखंड की कला और संस्कृती को पहचान दिलाने की कोशिश कर रहे.
दरअसल, कोहबर और सोहराय जैसी पारंपरिक चित्रकला शैली के कलाकार यहां जुटे हैं और अपनी पेंटिंग्स के माध्यम से इस कला को एक नया आयाम देने की कोशिश कर रहे हैं. आठ दिनों तक चलने वाले इस कर्यक्रम में राज्यभर से अलग-अलग उम्र के कलाकार हिस्सा ले रहे हैं.
मधुबनी पेंटिंग का उदाहरण देते हुए वरिष्ठ कलाकार ने कहा कि पहले मधुबनी पेंटिंग में भी सीमित चीजें दिखाई जाती थीं. लेकिन धीरे-धीरे अब रामचरितमानस जैसे दंत कथाओं का चित्रण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिस तरह मधुबनी पेंटिंग को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है, उसी तरह झारखंड की लोक कला को भी पहचान दिलाने का यह प्रयास है.