रांची/बेड़ो: बेड़ो के दो अलग-अलग जगहों पर सोमवार को आदिवासियों का ऐतिहासिक पाड़हा जतरा सभा का आयोजन किया गया. इस समारोह में हजारों की संख्या में लोगों ने भाग लेकर एकता का परिचय दिया.
दोनों स्थलों पर पड़हा निशान लकड़ी के बने हाथी-घोड़े के अलावा रंपा-चंपा और झंडों के साथ शोभा यात्रा निकाली गई. इस दौरान पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए. इस समारोह के मुख्य अतिथि एससी-एसटी आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव थे.
आदिवासियों ने बेड़ो में किया पड़हा जतरा सभा का आयोजन. सभा को संबोधित करते हुए रामेश्वर उरांव ने कहा कि आदिवासियों का पाड़हा, सामाजिक और सांस्कृतिक व्यवस्था है. हमारी सभ्यता, संस्कृति और परंपरा जमीन और प्रकृति से जुड़ा हुआ है. पूरे देश में आदिवासियों की भाषा एक जैसी है. उन्होंने आदिवासियों से शिक्षा को बढ़ावा देने और शराब के सेवन को त्यागने की अपील की.
वहीं, विनोवा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व वीसी डॉ. रविन्द्रनाथ भगत ने कहा कि लोकतंत्र की अवधारणा का जन्म ही पड़हा से हुई है. इसकी जडे़ हमारी व्यवस्था से निकलकर पूरी दुनिया के सामाजिक ढांचे में फैल गयी है. पड़हा व्यवस्था को इसकी मौलिकता के साथ हमारी आने वाली पीढी़ को सौंपना हमारी प्राथमिकता है.