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बोकारो के विनोद महतो को मिलेगा उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार 2021, घोड़ा नृत्य शैली को किया पुनर्स्थापित - रांची समाचार

घोड़ा नृत्य शैली की महान कलाकार विनोद महतो को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया जाएगा (Ustad Bismillah Khan Youth Award 2021). इस उनकी इस उपलब्धि पर बोकारो में खुशी की लहर है.

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Published : Nov 26, 2022, 3:42 PM IST

Updated : Nov 26, 2022, 4:16 PM IST

बोकारो: घोड़ा नृत्य शैली को झारखंड में पुनर्स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वाले विनोद महतो रसलीन का चयन संगीत नाटक आदमी पुरस्कार 2021 के लिए हुआ है (Ustad Bismillah Khan Youth Award 2021). इस पुरस्कार के अंतर्गत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार 2021 के लिए चुना गया है. उन्हें राष्ट्रपति के हाथों एक समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. विनोद की इस उपलब्धि से कसमार समेत पूरे बोकारो जिले में खुशी की लहर फैल गई है.

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विनोद कुमार महतो बोकारो के सिंहपुर में रहते हैं. इनके पिता का नाम नेपाल महतो और मां का नाम मालती देवी है. इनके दादा मनु महतो नगाड़ा के सुप्रसिद्ध वादक थे. उन्हीं से प्रेरित होकर विनोद महतो ने क्लासिक संगीत को अपने जीवन का हिस्सा बनाया. 2008 में पद्मश्री मुकुंद नायक की 'कुंजबन' संस्था से जुड़े और लोक संगीत-नृत्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया. प्रशिक्षण के उपरांत खोरठांचल की घोड़ा लोक नृत्य शैली की ओर रुझान हुआ. यह नृत्य शैली झारखंड में विलुप्त होने के कगार पर था. अपने गुरु मुकुंद नायक के सानिध्य में इस नृत्य शैली पर गहन कार्य किया.

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इन्होंने 2017 मे 'जागो जगाओ सांस्कृतिक कला मंच, नाम की संस्था का गठन किया और इस कला मंच के माध्यम से राज्य के अलग-अलग गांवों के युवाओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक करने का कार्य करते आये हैं. इस दौरान घोड़ा लोक नृत्य के प्रशिक्षण, प्रर्दशन, संरक्षण एवं संवर्धन के लिए विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं के द्वारा इन्हें कई सम्मान और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया है. झारखंड के अलावा दूसरे राज्यों में भी घोड़ा नृत्य का प्रचार प्रसार कर इसे पुनः स्थापित करने में अपना योगदान दिया है. इस वर्ष हुए पंचायत चुनाव में वह पंचायत समिति के सदस्य चुने गए हैं.

विनोद ने इस सम्मान के लिए चुने जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि राज्य की संस्कृति में आखड़ा संस्कृति का एक महत्वपूर्ण स्थान है. आखड़ा लोक संस्कृति की परंपरा में गांव के सभी लोग जुड़े होते हैं और गांव के आखड़ा को लोक कला संस्कृति का प्रशिक्षण केंद्र भी माना जाता है. इसी आखड़ा संस्कृति से अपनी लोक कला, संगीत और नृत्य का प्रारंभिक ज्ञान प्राप्त हुआ है. विनोद की इस उपलब्धि पर क्षेत्र के सांसद, विधायक समेत विभिन्न दलों के जनप्रतिनिधियों एवं लोक कलाकारों ने उन्हें बधाई दी है.

Last Updated : Nov 26, 2022, 4:16 PM IST

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