झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

बोकारो: ट्रेड यूनियन ने मनाया प्रतिरोध दिवस, जमकर की नारेबाजी - Trade union protested in bokaro

बोकारो में ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले सेक्टर चार में गांधी चौक के पास प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई.

ट्रेड यूनियन ने मनाया प्रतिरोध दिवस
ट्रेड यूनियन ने मनाया प्रतिरोध दिवस

By

Published : Sep 23, 2020, 9:55 PM IST

बोकारो: जिले में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा बोकारो के बैनर तले सेक्टर 4 में गांधी गोलम्बर के पास प्रतिरोध दिवस मनाया गया. प्रतिरोध सभा में सैकड़ों मजदूरों ने भाग लिया. प्रतिरोध सभा को सम्बोधित करते हुए नेताओं ने केंद्र सरकार की तीखी निंदा करते हुए कहा कि बीजेपी संसद और सांसदों के अधिकारों पर हमला कर जनतंत्र की खुलेआम हत्या कर रही है.

देखें पूरी खबर

सभी संसदीय मर्यादा को तोड़ते हुए किसान विरोधी बिल पर विपक्ष की ओर से मतविभाजन की मांग को ठुकरा कर बिल को झटके से पास करवा लिया गया, जिसका विरोध देश भर में किसान कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें-टिकट की आस में लालू यादव से मिलने पहुंच रहे नेता, प्रशासन ने लगा रखी है NO ENTRY

किसान संगठनों की ओर से आहूत 25 सितंबर के देशव्यापी बंद को ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा समर्थन करता है. केंद्र सरकार की तानाशाही रवैया के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की ओर से राज्य सभा की कार्रवाई का बहिष्कार किए जाने के बावजूद विपक्ष की अनुपस्थिति में सरकार जल्दीबाजी में मजदूर विरोधी श्रम कानून औद्योगिक संबंध कोड बिल, सामाजिक सुरक्षा कोड बिल और व्यावसायिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं कार्यदशा कोड बिल लाकर कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में पास करने जा रही है.

यह बिल पास हो जाने के बाद 74 प्रतिशत औद्योगिक मजदूर और 70 प्रतिशत औद्योगिक प्रतिष्ठान श्रम कानून के दायरे से बाहर निकाल दिया जायगा. 'हायर एंड फायर' की नीति धड़ल्ले से लागू होगी. मजदूरों से ट्रेड यूनियन का अधिकार छिन जाएगा. सही मायने में मजदूर आंदोलन और हड़ताल करने के अधिकार से मजदूर वंचित हो जाएंगें.

मजदूरों का 'सामूहिक सौदेबाजी' का अधिकार समाप्त हो जाएगा और मजदूरों को मालिक का गुलाम बना दिया जायगा. ऐसी विकट परिस्थिति में मजदूरों के सामने संघर्ष के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. किसानों के समान मजदूरों को भी देशव्यापी आंदोलन करना ही होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details