बोकारोःअगर मन में बेसहारा लोगों को सहारा देने का जज्बा हो तो कोई भी समस्या आपके आड़े नहीं आ सकती. बोकारो की एक ऐसी ही शख्सियत हैं राजकुमारी. वह किन्नर हैं. लोगों की खुशियों में शामिल होकर उन्हें दुआएं देने वाली राजकुमारी अपनी कमाई का 60 प्रतिशत हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों में बांट देती हैं.
अबतक उसने पांच बच्चियों को सहारा देते हुए उनका पालन पोषण किया और उनका शादी भी करवाई. साथ ही तीन बच्चों का भी देखभाल कर रही हैं.
कोरोना काल में भी लोगों की मदद की
राजकुमारी गरीब की बेटियों की शादी में हाथ खोलकर सहयोग करती है. उनकी उम्र 60 के पार है. आज भी उसके पास दो ऐसे बच्चे को पल रहे हैं, जिसे परिवार ने किन्नर जानकर उनका परित्याग कर दिया था. राजकुमारी ऐसे बच्चों का दर्द भलीभांति समझती है, उसे भी बचपन में ये दिन देखने पड़े थे. जिंदगी के तमाम परेशानियों को झेल चुकी राजकुमारी ने एक मिसाल कायम किया है. राजकुमारी को इसी सेवा के लिए कई बार सम्मान से नवाजा गया है. आज राजकुमारी के घर मे 8 लोग रहते हैं. समाज में दीदी के नाम से मशहूर राजकुमारी ने कोरोना के इस संकटकाल में भी लोगों के बीच अनाज और कपड़े का वितरण किया है.
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मिसाल पेश की
किन्नर हमारे समाज का वो हिस्सा जिसे संविधान ने तो अपना मान लिया पर शायद समाज में आज भी उनकी स्वीकृती नहीं है. आज भी लोग किन्नरों को हीन भावना से देखते हैं इसमें कोई दो राय नहीं है, लेकिन कहते हैं कि किन्नर यदि सच्चे दिल से किसी को दुआ दे तो उसकी जिन्दगी से तमाम परेशानियां खत्म हो जाती हैं. इस कथन को थोड़ा परिवर्तित करते हुए बोकारो की एक किन्नर ने कई बच्चों की जिंदगी से परेशानियों को दूर कर दिया है. लावारिश बच्चों को गोद लेकर किन्नर राजकुमारी ने समाज के प्रति अपने दायित्व और इंसानियत की मिसाल पेश की है, जो सराहनीय है.