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बोकारो में क्षेत्रीय भाषा में भोजपुरी और मगही को शामिल करने का विरोध, कहा- आदिवासियों के हक से हो रहा खिलवाड़ - बोकारो न्यूज

झारखंड में भाषा विवाद लगातार जारी है बोकारो में क्षेत्रीय भाषा को लेकर झारखंड के युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी युवाओं ने कहा कि हेमंत सरकार ने बोकारो और धनबाद के क्षेत्रीय भाषा में भोजपुरी और मगही को शामिल कर दिया है. जो गलत है और इससे आदिवासियों के हक के साथ खिलवाड़ हो रहा है.

Protest over regional language in Bokaro
बोकारो में क्षेत्रीय भाषा में भोजपुरी और मगही को शामिल करने का विरोध

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Published : Jan 2, 2022, 8:07 PM IST

बोकारोः झारखंड में भाषा विवाद खत्म होता नहीं दिख रहा है. इसे लेकर बोकारो में युवाओं ने सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. रविवार को झारखंड भाषा संघर्ष समिति की बैनर तले सैकड़ों युवा सड़क पर उतरे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

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बोकारो के नया मोड़ स्थित बिरसा चौक पर झारखंड के आदिवासी इकट्ठा हुए और पारंपरिक हथियार और गाजे-बाजे के साथ भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इसके बाद पैदल मार्च निकाला और सरकार के खिलाफ नारे लगाए. प्रदर्शनकारी युवाओं ने कहा कि हेमंत सरकार ने बोकारो और धनबाद जिले के स्थानीय भाषा में भोजपुरी और मगही को शामिल कर दिया है. इसे लेकर अधिसूचना जारी की गई है. जिसका आदिवासी युवा विरोध कर रहे हैं.

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अधिसूचना लेना होगा वापस

प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका. इसके साथ ही दोनों जिलों के 11 विधायकों का पुतला दहन किया. प्रदर्शन कर रहे युवा अरविंद कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अबुआ राज की बात करते हैं. लेकिन सत्ता में आने के बाद धनबाद और बोकारो के क्षेत्रीय भाषा की सूची में भोजपुरी और मगही को शामिल कर देते हैं. उन्होंने कहा कि झारखंड के युवाओं के हक को मारने का प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि धनबाद और बोकारो में भोजपुरी और मगही बोलने वाले लोगों की संख्या काफी कम है. उन्होंने कहा कि सरकार जारी अधिसूचना वापस नहीं लेती है, तब तक विरोध जारी रहेगा.

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