बोकारोः निजीकरण और केंद्र की नीतियों का विरोध हर जगह दिख रहा है. झारखंड में भारत बंद का असर पड़ रहा है. हड़ताल के पहले दिन सोमवार को बेरमो में भारत बंद का असर आंशिक रहा. राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए संयुक्त मोर्चा के लोग सड़क पर उतरे और जमकर नारेबाजी की.
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एक तरफ हड़ताल के पहले दिन बोकारो के बेरमो कोयलांचल में बंदी का कहीं असर दिखा तो कहीं बेअसर रहा. सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र के जारंगडीह खुली खदान में हड़ताल का कोई भी असर नहीं दिखा. खुली खदान के मुख्य द्वार के समक्ष संयुक्त मोर्चा केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया. जिस दौरान संयुक्त मोर्चा द्वारा बुलंद आवाज में मजदूर एकता जिंदाबाद के नारे लगाए. दूसरी ओर मजदूर प्रथम पाली में कार्य पर पहुंचकर अपनी हाजिरी बनाने को लेकर आपस में तूतू-मैंमैं होता दिखा.
राष्ट्रव्यापी हड़ताल को कोयलांचल में मजदूरों ने सीधे-सीधे नकारा तो नहीं पर हड़ताल को लेकर मजदूरों में उत्साह नहीं दिखा. वहीं जिला के बैंकों में पूर्णतः ताला लगा रहा. सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र के कथारा वाशरी में हाजिरी बनाने को लेकर उमड़ी भीड़ और हाजरी बनाने के दौरान हुई नोंक-झोंक हुई. बोकारो एंड करगली क्षेत्र तथा ढोरी क्षेत्र में भी भारत बंद का मिलाजुला असर रहा. मजदूरों ने भारत बंद में अपनी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे.
वहीं संयुक्त मोर्चा द्वारा हड़ताल को सफल बनाने के लिए एक महीने से की जा रही थी. गेट मीटिंग और कन्वेंशन का असर नहीं के बराबर दिखाई दिया. जबकि बीएंडके प्रक्षेत्र के खासमहल परियोजना तथा बोकारो कोलियरी के डीडी माइंस में हड़ताल का असर दिखा. जहां तहां मशीनें खड़ी दिखीं और प्रथम पाली में उत्पादन पूरी तरह बाधित रहा. वहीं कारो कोलियरी के प्रोजेक्ट ऑफिसर ने भी बंद को असफल बताते हुए आंशिक बंदी माना. वही भारत बंद को देखते हुए माइंस में सीआईएसएफ के सुरक्षाकर्मियों को भी तैनात किया गया था.