बोकारो: स्टील प्लांट में काम के दौरान अपने प्राण गंवाने वाले मजदूरों के आश्रितों ने नियोजन की मांग को लेकर बोकारो स्टील के प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार को 3 दिनों से बंद रखा है. बोकारो इस्पात मृतक आश्रित संघ के बैनर तले मजदूरों ने इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ने की ठान ली है. आश्रितों का कहना है कि जब तक जनवरी 2020 में हुए नियोजन देने की वार्ता के फैसले को धरातल पर नहीं उतारा जाएगा, तब तक हमलोग अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करते रहेंगे.
मजदूरों के परिजनों का आंदोलन आश्रितों ने सुनाया अपना दर्द
धरना में महिलाओं ने भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी शुरू कर दी है. महिलाओं का कहना है कि हमलोग का दुख दर्द इतना है कि कोई इस दुख को महसूस भी नहीं कर सकता है, अगर प्रबंधन के अधिकारियों की थोड़ी सी भी आंख में पानी है तो वह हमारे साथ इस धरने में कड़ाके की ठंड में 1 दिन रह कर देख लें. आश्रितों का कहना है कि यहां 500 आश्रित ऐसे हैं जो 15 सालों से नियोजन की आस में हैं. उन्होंने कहा कि हमलोगों का डीए और पीएफ इतने दिनों से इस आस में जमा कर छोड़ा गया है कि प्रबंधन हमें नियोजन देगी.
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नियोजन पत्र देने की मांग
आश्रितों कि मांग है कि धरना स्थल पर प्रबंधन और जिला प्रशासन पहुंचकर हमें नियोजन पत्र सौंपे, तभी यहां से धरना खत्म होगा. उन्होंने कहा कि हमलोगों को स्टील प्लांट प्रबंधन ने प्रशिक्षण भी दिया है, लेकिन बावजूद इसके नियोजन नहीं दिया जा रहा है.