बोकारो:डुमरी उपचुनाव में मंत्री बेबी देवी 17 हजार 153 मतों से जीत कर अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी और एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी को पराजित करने में सफल रहीं. जहां जेएमएम प्रत्याशी बेबी देवी को 1 लाख 231 वोट मिले, वहीं एनडीए की यशोदा देवी को 83 हजार 75 वोटों से ही संतुष्ट होना पड़ा. इस उपचुनाव में भाजपा की हार का कारण सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी का इलाके के प्रति सौतेले व्यवहार को बताया जा रहा है.
इसे भी पढ़ें:VIDEO: झामुमो में जश्न का माहौल, जनता को दी डुमरी उपचुनाव में जीत की बधाई
एनडीए के तीन पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी समेत राज्य के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेई और आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो तक ने इस उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक चुके थे. लेकिन इस उपचुनाव में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा. भाजपा की हार का कारण सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी का गिरिडीह के प्रति शुरू से सौतेला व्यवहार भी माना जा रहा है. इसके साथ कुर्मी वोटर को एनडीए प्रत्याशी यशोदा देवी के पक्ष में गोलबंद करने में भी सांसद नाकाम रहे. सांसद के कुर्मी जाति से आने के बावजूद इस उपचुनाव में चंद्रपुरा और नावाडीह के कुर्मी, अल्पसंख्यक वोटरों ने मंत्री बेबी देवी पर अपना भरोसा कायम रखा. दूसरी तरफ गिरिडीह के सदर विधायक सुदिव्य सोनू ने उपचुनाव में जीत को अपना प्रतिष्ठा बना लिया.
8 सितंबर को वोटों की गिनती के शुरुआती दौर में डुमरी के ईवीएम से एनडीए की यशोदा देवी के समर्थन में मत निकलने शुरू हुए. इसके बाद डुमरी के निमियाघाट इलाके से भी एनडीए के ही समर्थन में वोट निकले. इन इलाकों में मंत्री बेबी देवी को कुछ वोट ही मिले. लेकिन जब बोकारो के नावाडीह और चंद्रपुरा के ईवीएम खुले तो मंत्री बेबी देवी के समर्थन में वोटों की बाढ़ आ गई. जबकि एआईएमआईएम प्रत्याशी अब्दुल मोबिन रिजवी तो बुरी तरह से इस चुनाव में मात खा गये. अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर अब्दुल मोबिन रिजवी अपना भरोसा कायम नहीं रह पाये. इसलिए अब्दुल मोबिन रिजवी महज 05 हजार वोटों के अंदर ही सिमट कर रह गए. इस उपचुनाव में सारे निर्दलीय प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई.