बोकारो में लगेगा फ्लोटिंग सोलर प्लांट बोकारो:भविष्य में बिजली की आवश्यकता की पूर्ति के लिए बोकारो इस्पात संयंत्र ( बीएसएल) सोलर एनर्जी की ओर कदम बढ़ा रहा है. बीएसएल सोलर एनर्जी के माध्यम से 110 मेगावाट बिजली उत्पादन करने की दिशा में पहल शुरू कर दिया है. पहले चरण में 70 मेगावाट सोलर प्लांट लगाए जाएंगे. जिसमें सबसे पहले बोकारो स्टील के कूलिंग पौंड नंबर 1 में 50 मेगावाट का तैरता हुआ सोलर प्लांट लगाने पर कार्य शुरू कर दिया है. वहीं 20 मेगावाट का लैंड बेस्ड सोलर प्लांट सेक्टर 4 एफ (सूर्य मंदिर) के पीछे स्थित खाली जमीन में लगाया जाएगा.
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एनएसपीसीएल (NSPCL) से हुआ है एग्रीमेंटः सोलर पावर जेनेरशन प्लांट लगाने के लिए एनटीपीसी-सेल पावर प्लांट (NSPCL) के बीच सहमति हो चुकी है. आधिकारिक तौर पर इन-प्रिंसिपल एग्रीमेंट भी हो चुका है. एनएसपीसीएल ने इसकी शुरुआत करते हुए बीएसएल के कूलिंग पोंड-1 में 30 मेगावाट फ्लोटिंग सोलर पावर जेनेरशन प्लांट लगाने के लिए पानी की गहराई नापने की प्रक्रिया (बाथीमेट्रिक सर्वेक्षण) पूरा कर लिया है. अब डीपीआर बनाने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं कूलिंग पौंड की सफाई का कार्य भी चल रहा है.
इस संबंध में बीएसएल के मुख्य संचार अधिकारी मणिकांत धान ने बताया कि दूसरे चरण में गरगा डैम में 30 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर स्टेशन लगाया जाएगा. इन सोलर पावर प्लांट से उत्पादित पूरी की पूरी बिजली बीएसएल खरीदेगा. जिसको लेकर एनएसपीसीएल और बीएसएल के बीच पावर परचेस एग्रीमेंट जल्द होने की संभावना है.
558 मेगावाट बिजली का है एग्रीमेंटःवर्तमान में बीएसएल अपने प्लांट में इस्पात उत्पादन और टाउनशिप के लिए 558 मेगावाट बिजली दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) और बोकारो पावर सप्लाई कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (BPSCL) से लेता है. वहीं सोलर पैनल से लगभग दो मेगावाट जेनरेट करता है, जो विभिन्न कार्यालय आदि पर लगे हुए हैं. इसके लिए अन्य ऑफिस और बड़ी बिल्डिंग को चिन्हित किया गया है. जहां और सोलर पैनल लगाए जाएंगे.
2030 तक उत्पादन बढ़ाकर 2 मिट्रिक टन करने का लक्ष्यः सेल (SAIL) 2030 तक की बीएसएल इकाई की उत्पादन क्षमता 2 मिट्रिक टन प्रति वर्ष करने के दिशा में कार्य कर रहा है. इसके लिए भविष्य में बिजली की जरूरत होगी. इसके अलावा शहरी क्षेत्र (Township) में लगभग 35 मेगावाट बिजली की जरूरत है.
चरणबद्ध तरीके से स्थापित किए जाएंगे सोलर प्लांटःबीएसएल के सीओसी मणिकांत धान ने कहा कि जल्द ही एनएसपीसीएल डीपीआर रिपोर्ट सौंपेगा. इसके बाद कूलिंग पोंड-1 में 50 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा. उसके बाद सूर्य मंदिर और गरगा डैम में भी सोलर पावर यूनिट लगाए जाएंगे. इस परियोजना का निर्माण चरणबद्ध तरीके से हो रहा है. इसके लगने से कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन को रोका जा सकेगा.