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पीएम के मन की बात कार्यक्रम से प्रेरित होकर की बंजर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती, 14 महीने में आया फल

बोकारो में दो शिक्षकों ने पीएम के मन की बात कार्यक्रम से प्रेरित होकर बंजर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. इस दौरान उन्होंने 2000 पौधे लगाए जिसने करीब 14 महीने बाद फल देना शुरू कर दिया है. कई लोग उनकी खेती देखने पहुंच रहे हैं. उन्होंने इन फलों को बेचना भी शुरू कर दिया है. हालांकि बाजार नहीं मिलने से वे थोड़े परेशान हैं और सरकार से मदद की उम्मीद कर रहे हैं.

dragon fruit grown on barren land in Bokaro
dragon fruit grown on barren land in Bokaro

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Published : Aug 1, 2022, 4:18 PM IST

Updated : Aug 1, 2022, 5:21 PM IST

बोकारो: लॉकडाउन के दौरान पीएम के मन की बात से प्रेरणा लेकर बोकारो में दो सरकारी शिक्षकों ने पथरीली बंजर भूमि में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. दोनों शिक्षकों ने पेटरवार प्रखंड के चांदो गांव के एक एकड़ पथरीली जमीन में ड्रैगन फ्रूट के 2000 पौधे लगाए, जिसमें उन्हें लगभग 8 लाख का खर्च आया. अब करीब 14 महीनों बाद पेड़ों ने फल देना शुरू कर दिया है.

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मन की बात कार्यक्रम से हुए प्रेरित:बंजर भूमि पर ड्रैगन फ्रूट उगाने वाले दोनों शिक्षक दिनेश कुमार सिंह और बलदेव मांझी बोकारो के चांदो हाई स्कूल में पढ़ाते हैं. शिक्षकों ने ड्रैगन फ्रूट के पौधे हैदराबाद से मंगाए थे. इस मुश्किल काम की शुरुआत तब की गई जब देश में कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा था. सभी जगह लॉकडाउन लगा हुआ था. जिंदगी ठहर सी गई थी. दरअसल, उस दौरान प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में पीएम ने ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए लोगों को प्रेरित किया और बताया कि ड्रैगन फ्रूट खाने से लोगों की इम्यूनिटी बढ़ती है, साथ ही अन्य बीमारियों से भी राहत मिलती है. इसे सुनकर ही उन्होंने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की.

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ऐसे की बंजर भूमि पर खेती:पीएम का कार्यक्रम सुनने के बाद दिनेश कुमार सिंह ने अपने सहयोगी शिक्षक बलदेव मांझी के पास ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का प्रस्ताव रखा. बलदेव मांझी ने पथरीली जमीन एक एकड़ खरीद रखी थी. दोनों ने ठान लिया कि इसी जमीन पर वे खेती करेंगे. उसके बाद पथरीली बंजर भूमि को ड्रैगन की खेती के लिए तैयार किया. इस पेड़ को लगाने के लिए 500 सीमेंट का स्ट्रक्चर तैयार किया गया. एक स्ट्रक्चर में उन्होंने 4 पौधे लगाए. आज 14 महीने बाद इसमें फल आने लगा है. इन लोगों ने इसकी बिक्री भी शुरू कर दी है. हालांकि बाजार नहीं मिलने से ये लोग परेशान हैं.

बाजार नहीं मिलने से परेशान हैं शिक्षक: शिक्षकों ने सरकार से आग्रह किया है कि इसका बाजार उपलब्ध कराया जाए. क्योंकि ड्रैगन की खेती 20 सालों के लिए होती है और एक पेड़ 20 सालों तक लगातार फल देता है. दिनेश कुमार सिंह कहते हैं एक शिक्षक हमेशा समाज को दिशा दिखाने का काम करता है. हम लोगों ने किसानों की आय दोगनी करने के लिए ड्रैगन फ्रूट की खेती की है. उन्होंने कहा कि हम किसानों को दिशा दिखाने का काम कर रहे हैं.

क्या है ड्रैगन फ्रूट की खासियत: ड्रैगन फ्रूट एक विदेशी फल है और यह कैक्टस प्रजाति का होता है. यह फल कई गंभीर बीमारियों के लिए लाभदायक माना जाता है. ड्रैगन फ्रूट में एंटीवायरस और एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है. वर्तमान में यह फल बाजार में 450 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है. ड्रैगन फ्रूट की खेती को देखने के लिए बोकारो से भी लोग अपने बच्चों के साथ चांदो गांव पहुंच रहे हैं. इस फल को खाने वाले लोगों का कहना है यह फल खाने में काफी स्वादिष्ट है और बाजार के अन्य फलों से अलग है.

Last Updated : Aug 1, 2022, 5:21 PM IST

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