बोकारोः जिला में चंदनकियारी के तीरंदाज गोल्डी मिश्रा ने 36वें नेशनल गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर (Goldy Mishra of Bokaro won gold medal) झारखंड का मान बढ़ाया है. जिससे उनके गांव में खुशी का माहौल (Happy atmosphere in Goldie Mishra village) है. इसको लेकर पूर्व मंत्री ने भी उन्हें बधाई देते हुए कहा कि 8 अक्टूबर को उनके स्वागत का उत्सव पूरे चंदनकियारी में मनाया जाएगा.
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प्रतिभा किसी साधन की मोहताज नहीं होती, अगर लगन और मेहनत सही दिशा में हो तो उसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आते हैं. चंदनकियारी के लाल तीरंदाज गोल्डी मिश्रा ने महज 16 साल की उम्र में ये अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया. उसने अपने अथक परिश्रम, अभ्यास और दृढ़ इच्छाशक्ति की बदौलत 36वें राष्ट्रीय खेल में झारखंड के लिए गोल्ड लाकर कमाल कर दिया.
गोल्डी के घर की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है. उसके पिता दुलाल मिश्रा पश्चिम बंगाल के संथालडीह में पॉकलेन ऑपरेटर हैं, माता रेखा देवी गृहिणी हैं. गोल्डी के मेडल जीतने से घर में खुशी का माहौर है. उसकी बहन, दादी और चाचा और आसपास के लोगों की आंखों से खुशी के आंसू रोके नहीं रूक रहे हैं. सभी की जुबां पर बस एक ही बात है कि अपना गोल्डी ओलंपिक में मैडल जरूर लाएगा.
गोल्डी ने अपने घर के सामने खेत से बचपन से ही अभ्यास शुरू किया. इसके बाद तत्काकालीन खेल मंत्री सह वर्तमान चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी के सहयोग से अभ्यास के लिए आर्चरी की व्यवस्था हुई. ताज्जुब की बात तो ये है कि गोल्डी अपनी आर्चरी भी विधायक अमर कुमार बाउरी के घर पर ही रखता था. बचपन से खेल में रुचि और पढ़ाई में भी गोल्डी मेघावी है. वर्तमान में चंदनकियारी+2 हाई स्कूल में इंटर का विद्यार्थी है और बोर्ड परीक्षा में कुल 416 अंक लाया है. गोल्डी तीन बहन और एक भाई है, वो सबसे छोटा है. शुरुआती समय में घर वाले खेलने से मना करते थे तो चोरी चुपके खेलने जाता था. अब उसने अपने खेल के जरिए ही पूरे परिवार का मान बढ़ाया है.