बोकारो: बीएसएल के प्रशासनिक भवन के समक्ष पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के द्वारा वार्ता में जाने के दौरान हुए लाठीचार्ज में दर्जनों मजदूर घायल हो गए. घायल मजदूरों को सदर अस्पताल बोकारो में भर्ती कराया गया है. इसमें महिला मजदूर भी शामिल हैं. लाठीचार्ज के बाद बोकारो स्टील प्रबंधन ने पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी और मजदूर नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया. लगभग दो घंटे के वार्ता के बाद भी मजदूरों के हित में कोई नतीजा नहीं निकला.
Bokaro News: मजदूरों पर लाठीचार्ज मामले में पूर्व मंत्री ने सीआईएसएफ के खिलाफ किया केस, कहा- कंपनी छीन रही हक
लाठीचार्ज मामले में पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने सीआईएसएफ के खिलाफ बोकारो सिटी थाने में मामला दर्ज कराया है. पूर्व मंत्री ने कहा कि कंपनी मजदूरों के हक और अधिकार को छीनना चाहती है.
वार्ता से निकलने के बाद केएन त्रिपाठी ने सीधे सदर अस्पताल पहुंचकर घायल मजदूरों का हालचाल जाना. उसके बाद उन्होंने बीएस सिटी थाना पहुंचकर अधिकार क्षेत्र से बाहर आकर लाठीचार्ज करने के मामले में सीआईएसएफ के खिलाफ मामला दर्ज कराया.
पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि गढ़वा के भवनाथपुर स्थित तुलसीदामर के माइंस में 2700 मजदूर काम करते थे. जिसमें से 700 मजदूरों को बीएसएल ने भुगतान किया है. बाकी दो हजार मजदूरों को भुगतान करने से आनाकानी कर रही है. जब मजदूर वहां काम कर चुके हैं, उनके पास साक्ष्य है तो उन्हें किसी भी कीमत पर राशि देनी होगी. प्रबंधन सीआईसीएफ से लाठी चलवा कर मजदूरों के अधिकार और हक छीन नहीं सकती है. दलित, आदिवासियों, महिला, पुरुष मजदूरों को बिना किसी बात को लेकर पीटा गया है. उन्होंने इस मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष ले जाने की भी बात कही है.
क्या है पूरा मामला: गौरतलब है कि बीएसएल ने गढ़वा के भवनाथपुर स्थित तुलसीदामर के डोलोमाइट और चूना पत्थर खदान को 16 फरवरी 2020 को बंद कर दिया था. जिससे वहां काम करने वाले मजदूरों की माली हालत खराब हो गई है. इसी के विरोध में मजदूर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान इन पर लाठीचार्ज किया गया.