बोकारो: मदर टेरेसा को आदर्श मानकर चास के चिरा चास की रहने वाली महिला समाजसेवी कुष्ठ रोगियों और असहाय महिला, पुरुष की सेवा करना अपना धर्म समझती हैं. महिला समाजसेवी का नाम प्रगति शंकर है. प्रगति शंकर को जब भी यह सूचना मिलती है कि कोई असहाय महिला या पुरुष तकलीफ में जीवन यापन कर रहा है तो वो बिना किसी संकोच के उनके घर जाकर उनकी सेवा के साथ खाने-पीने की भी व्यवस्था करती हैं.
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प्रगति शंकर बोकारो के मनसा सिंह गेट के पास स्थित कुष्ठ कॉलोनी में जाकर कुष्ठ रोग से ग्रसित महिला और पुरुष मरीजों की साफ-सफाई करने में पीछे नहीं रहती हैं. महिला दिवस पर प्रगति शंकर से इस तरह के किए जा रहे कार्यों के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी प्रेरणा स्रोत मदर टेरेसा हैं. उन्होंने कहा कि जब वह छोटी थी तो वह अपनी मां से कहती थी कि वह मदर टेरेसा की तरह बनना चाहती हैं और लोगों की सेवा करना चाहती हैं, उस समय प्रगति शंकर की मां ने कहा था कि यह कोई आसान काम नहीं है, लेकिन प्रगति शंकर ने मन में ठान ली है कि वो असहाय महिला और पुरुषों की सेवा करेंगे और वो कर भी रही हैं.
प्रगति शंकर को मिल रहा परिवार का साथ
प्रगति शंकर कहती हैं कि जब कुष्ठ रोगियों की सफाई करने के दौरान उनके जख्मों पर तेल डालती हैं तो मरीजों को बहुत कष्ट होता है, वो लोग इतनी पीड़ा में रहते हैं और हम उनकी जब सेवा करते हैं तो लोग हमें समाज में लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया देकर बुरी बातें कहते हैं, लेकिन हमें एहसास होता है कि जब वे इतनी पीड़ा से गुजरते हैं तो हम थोड़ी अगर सेवा कर दें तो हम में क्या बुराई है. प्रगति शंकर ने कहा कि इस काम को करने में उन्हें उनके परिवार का पूरा सहयोग मिलता है, जिसके कारण आज वो असहाय लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो महिलाओं को यह संदेश देना चाहती हैं कि वे अपने बच्चों को शिक्षित कर ऐसा संस्कार दें कि समाज में फैलने वाली कुरीतियों को जड़ से मिटाया जा सके.